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नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन पर भी जोर दे डीवीसी : मंत्री
कोलकाता : दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) देश की सबसे पुरानी बिजली उत्पादन व वितरण करनेवालीं कंपनियों में से एक है, लेकिन इसके बावजूद कंपनी ने अपना दायरा सीमित रखा है, जिसे और बढ़ाने की जरूरत है. कंपनी अभी लगभग सात राज्यों में बिजली वितरण कर रही है, लेकिन सिर्फ सात राज्यों में सीमित रहने से […]
कोलकाता : दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) देश की सबसे पुरानी बिजली उत्पादन व वितरण करनेवालीं कंपनियों में से एक है, लेकिन इसके बावजूद कंपनी ने अपना दायरा सीमित रखा है, जिसे और बढ़ाने की जरूरत है. कंपनी अभी लगभग सात राज्यों में बिजली वितरण कर रही है, लेकिन सिर्फ सात राज्यों में सीमित रहने से नहीं चलेगा. कंपनी को अपना दायरा और बढ़ाना होगा.
साथ ही ताप विद्युत के साथ ही डीवीसी को नवीकरणीय ऊर्जा (रिनिवेबल एनर्जी) के उत्पादन पर भी जोर देना होगा. ये बातें शनिवार को केंद्रीय राज्य बिजली व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आरके सिंह ने साइंस सिटी ऑडिटोरियम में कंपनी के 70वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहीं.
इस मौके पर उन्होंने कंपनी में विभिन्न श्रेणियों में बेहतर योगदान देनेवाले कर्मचारियों को सम्मानित किया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जीवाश्म ईंधन पर से निर्भरता कम करने के लिए हर संभव कदम उठा रही है, जिससे देश में बिजली की मांग और भी बढ़ेगी.
उन्होंने कहा कि एनटीपीसी की स्थापना डीवीसी के बाद हुई थी, लेकिन एनटीपीसी की बिजली उत्पादन क्षमता लगभग 55,000 मेगावाट है, जबकि डीवीसी की महज 7,000 मेगावाट. हम डीवीसी को भी महारत्न कंपनी के रूप में देखना चाहते हैं, इसके लिए डीवीसी को योजनाबद्ध तरीके से उत्पादन बढ़ाना होगा और साथ ही बिजली वितरण के दायरे को भी पूरे भारत में फैलाना होगा.
इस मौके पर डीवीसी के चेयरमैन पीके बंद्योपाध्याय ने अतिथियों का स्वागत किया. इस मौके पर सम्मानीय अतिथि के रूप में झारखंड सरकार के खाद्य व आपूर्ति मामले के मंत्री सरयू राय सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे.
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