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पहली बार पश्चिम मेदिनीपुर में कदम रखेंगे गैर कांग्रेसी पीएम
कोलकाता : स्वाधीनता आंदोलन के दौरान क्रांतिकारियों की भूमि के नाम से मशहूर है मेदिनीपुर जिला. पहली बार हिंदुस्तान में जो तीन जिले अंग्रेजों की दासता से खुद को आजाद किये थे वह तीन जिले हैं पश्चिम बंगाल का मेदिनीपुर, महाराष्ट्र का सतारा और उत्तर प्रदेश का बलिया. इस मेदिनीपुर का बंटवारा होने के बाद […]
कोलकाता : स्वाधीनता आंदोलन के दौरान क्रांतिकारियों की भूमि के नाम से मशहूर है मेदिनीपुर जिला. पहली बार हिंदुस्तान में जो तीन जिले अंग्रेजों की दासता से खुद को आजाद किये थे वह तीन जिले हैं पश्चिम बंगाल का मेदिनीपुर, महाराष्ट्र का सतारा और उत्तर प्रदेश का बलिया. इस मेदिनीपुर का बंटवारा होने के बाद अब दो जिला हो गया पश्चिम और पूर्व मेदिनीपुर. इसी पश्चिम मेदिनीपुर में प्रधानमंत्री किसानों से बात करने 16 जुलाई को जा रहे हैं. उनके इस कदम को लेकर राज्य की राजनीति में चर्चा जोरों पर है.
क्योंकि इस जिले में पहुंचने वाले नरेंद्र मोदी पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री हैं. इसके पहले इंदिरा गांधी और राजीव गांधी इस जिले का दौरा कर चुके हैं. लिहाजा प्रधानमंत्री के इस दौरे को परिवर्तन की लहर से आंकते हुए प्रदेश भाजपा के दिग्गज यहां की सभा को सफल बनाने के लिए जी-जान से जुटे हुए हैं.
प्रदेश भाजपा के महासचिव प्रताप बनर्जी ने इस जिले के राजनीतिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मेदिनीपुर की माटी बंगाल की राजनीति में शुरू से ही बदलाव का आगाज करती है. अंग्रेजों के जमाने से यह धारा बरकरार है. स्वतंत्रता के बाद पश्चिम बंगाल में कांग्रेस सरकार के बदलाव की बयार भी इसी जगह से चली थी.
जिस पर सवार होकर वामपंथी सत्ता के गलियारे में पहुंचे थे. इसके बाद वामपंथियों के बदलाव की बयार यहां पर लालगढ़ और जंगल महल में नक्सली आंदोलन के मार्फत यहां से शुरू हुआ था. नंदीग्राम के आंदोलन को लेकर ममता सुर्खियों में आयीं और वामपंथियों का पतन हुआ. इस बार यहां की माटी ने फिर परिर्वतन का आगाज किया है.
इसका प्रमाण पंचायत चुनाव में पूरा देश देखा. जंगल महल इलाका भाजपा के कमल से पट गया. इस बात को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शिद्दत से महसूस किया और यहां की माटी का सजदा करने पहले वह खुद आये और उनके जाने के बाद खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां के किसानों से मिलने आ रहे हैं. कृषि मंत्रालय के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के दौरान देश के किसानों के विकास और उनका स्तर सुधारने के लिए वह कई बड़ी घोषणाएं भी यहां करेंगे.
प्रधानमंत्री यहां किसानों से सीधे संवाद भी करेंगे. इसके अलावा भाजपा की एक आम सभा को भी संबोधित करेंगे. कुल मिलाकार उनकी सभा को सफल बनाने के लिए हर तरह का प्रयास किया जा रहा है. हालांकि इसके पहले प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष के चुनाव प्रचार में 2016 में वह खड़गपुर आ चुके हैं. उस वक्त लोगों ने दिलीप घोष को विधानसभा में पहुंचा दिया. इसके बाद जब पंचायत चुनाव के नतीजे आये तो खुद अमित शाह और नरेंद्र मोदी दोनों यहां आ रहे हैं.
भाजपा की सभा मेदिनीपुर काॅलेज काॅलेजियट मैदान में होगी. इसके लिए प्रदेश के नेताओं के साथ जिला नेताओं की व्यस्तता चरम पर है. प्रदेश भाजपा के महासचिव संजय सिंह के मुताबिक साल 2019 में होने वाले चुनाव में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने यहां से लक्ष्य तय कर उसको पूरा करने का निर्देश दे दिया है. उसको अमलीजामा पहनाने में पूरी टीम लगी हुई है. इसके लिए एक तरह से जंगल महल इलाके को लक्ष्य बनाया गया है.
प्रधानमंत्री का यह सफर यहां के लोगों को यह समझाने में कामयाब रहेगा कि यहां के लोगों को प्रदेश भाजपा काफी महत्व दे रही है. क्योंकि पंचायत चुनाव में जिस तरह जंगल महल के लोगों ने दोनों हाथों से भाजपा को समर्थन दिया, वह काफी उत्साहजनक है. यहां पर सभा होने से जंगल महल से लोगों को आने में सुविधा होगी. सभा की सफलता परिवर्तन का संदेश प्रदेश की जनता को देगी.
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