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ट्रीटमेंट प्लांट को समय बताती है 100 साल पुरानी घड़ी
कोलकाता : समय के साथ सब कुछ बदल जाता है. बदलते वक्त के साथ जुड़ीं वस्तुएं ‘एंटिक’ कहलाती हैं. जो अपने आप में बीते समय के सफर का मापदंड भी हैं. एक ऐसी ही नायाब घड़ी कोलकाता नगर निगम के इंदिरा गांधी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (पलता) में है, जो 100 साल से अधिक पुरानी है. […]
कोलकाता : समय के साथ सब कुछ बदल जाता है. बदलते वक्त के साथ जुड़ीं वस्तुएं ‘एंटिक’ कहलाती हैं. जो अपने आप में बीते समय के सफर का मापदंड भी हैं. एक ऐसी ही नायाब घड़ी कोलकाता नगर निगम के इंदिरा गांधी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (पलता) में है, जो 100 साल से अधिक पुरानी है. लेकिन आज भी बिना रुके, बिना थके निगम को समय बताती है. 1866 इस वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को चालू किया गया था, जबकि 1925 में इसका विस्तार किया गया. तब लंदन से अंग्रेजों ने इस घड़ी को लाया था.
गौरतलब है कि ब्रिटिश शासनकाल में ऐसी तीन घड़ी खरीदी गयी थी. इनमें से एक अब खराब हो चुकी है, जबकि दो आज भी समय बता रही हैं. इनमें से दूसरी घड़ी टाउन हॉल में है.
गौरतलब है कि ब्रिटिश काल में उक्त वाटर प्लांट में पानी के फ्लो को मापने के लिए इस घड़ी का इस्तेमाल किया जाता था. लेकिन अब पानी के बहाव को मापने के लिए इस घड़ी का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के एग्जिक्यूटिव इंजीनियर ने बताया कि पेंडुलमवाली इस घड़ी को चलाने के लिए सप्ताह में एक बार चाबी दी जाती है. पलता वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में रखी घड़ी के रख-रखाव पर विशेष ध्यान दिया जाता है.
निगम मुख्यालय में भी 300 साल पुरानी घड़ी
महानगर के एसएन बनर्जी रोड स्थित कोलकाता नगर निगम मुख्यालय में भी सौ साल पुरानी तीन क्लॉक हैं. इनमें से एक काउंसिलर क्लब रूम तथा दो हाउस कक्ष में हैं. जानकारी के अनुसार इन्हें भी लंदन से लाया गया था. काउंसिलर क्लब की घड़ी हर 15 मिनट के अंतराल पर म्यूजिक बजता है. इन तीनों घड़ी को चाबी से चलाया जाता है. वहीं, इनकी देख-रेख का जिम्मा सपन दत्ता को दिया गया है.
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