शहीद दिवस सभा : कई दिग्गज थाम सकते हैं तृणमूल का दामन

कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के शहीद दिवस की सभा इस बार संकल्प दिवस के रूप में मनाया जायेगा. इसके लिए तैयारी जोर शोर से चल रही है. खुद सांसद अभिषेक बनर्जी दिन रात एक किये हुए हैं, क्योंकि हाल ही में पश्चिम बंगाल में भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 19, 2018 1:53 AM
कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के शहीद दिवस की सभा इस बार संकल्प दिवस के रूप में मनाया जायेगा. इसके लिए तैयारी जोर शोर से चल रही है. खुद सांसद अभिषेक बनर्जी दिन रात एक किये हुए हैं, क्योंकि हाल ही में पश्चिम बंगाल में भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने दौरा करते हुए लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल से 22 सीटों का लक्ष्य प्रदेश भाजपा को दे दिया है.
ऐसे में फेडरल फ्रंट के गठन की कवायद कर रहीं ममता बनर्जी को उनके ही घर में जबरदस्त चुनौती मिल रही है. इसकी काट निकालने के लिए तृणमूल कांग्रेस प्रमुख व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शहीद दिवस की सभा में रिकॉर्ड भीड़ जुटाने की कोशिश में हैं.
शहीद दिवस की सभा को आकर्षक बनाने के लिए सुश्री बनर्जी विरोधी दलों के कई दिग्गजों को तृणमूल कांग्रेस में स्थान देने जा रही है. इनमें भाजपा के राज्यसभा सांसद चंदन मित्रा और माकपा के सांसद ऋतव्रत के अलावा माकपा के वरिष्ठ नेता मइनुल हसन को भी शहीद दिवस की सभा में शामिल कराने की चर्चा है.
चंदन मित्रा के तृणमूल में जाने की चर्चा पर प्रदेश भाजपा के एक नेता ने नाम नहीं छापने की ‍शर्त पर कहा कि चंदन मित्रा को केंद्र सरकार से पायोनियर के लिए फंड चाहिए, जो केंद्र सरकार की कसौटी पर खरी नहीं उतरने के कारण खारिज हो गया है. इससे वह नाराज चल रहे हैं. इसलिए पिछले दिनों वह भाजपा की आइटी सेल की खिंचाई करते हुए उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को लेकर भाजपा को कठघरे में खड़ा कर दिया था.
उनके निशाने पर उत्तर प्रदेश सरकार भी थी. उनके बदले बर्ताव से भाजपा नेतृत्व नाराज चल रहा है. वहीं, निष्कासित ऋतब्रत बनर्जी पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. अब राज्य सरकार ने उन्हें आदिवासी विकास कमिटी का संयोजक बना दिया है. ऐसे में उनके तृणमूल कांग्रेस में जाने को लेकर कोई शक नहीं है.
अलबत्ता माकपा के पूर्व सांसद मइनुल हसन भाजपा को रोकने के लिए माकपा पर तृणमूल कांग्रेस के साथ रिश्ता सुधारने की मांग अर्से से कर रहे थे. जिसे माकपा ने खारिज कर दिया. लिहाजा उनका भी तृणमूल कांग्रेस में जाना तय माना जा रहा है. इसके अलावा कांग्रेस के तीन विधायक सीधे पार्थ चटर्जी के संपर्क में हैं, जिनको तृणमूल कांग्रेस की ओर से सभा में आने का आधिकारिक न्यौता दिया गया है.

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