भूखे को खाना खिलाने के लिए दौड़ती है एक गाड़ी

नवीन कुमार राय कोलकाता : ह्यूमन राइट्स प्रोटेक्शन एसोशिएसन की ओर से रोजाना 700 लोगों को खाना खिलाने के लिए एक गाड़ी दौड़ती है. यह गाड़ी शाम होते ही खाने के 700 पैकेट लेकर कोलकाता के विभिन्न हिस्सों में निकल पड़ती है और जरूरतमंदों को तलाश कर उन्हें खाना खिलाती है. यह गाड़ी कोलकाता के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 21, 2018 8:18 AM

नवीन कुमार राय

कोलकाता : ह्यूमन राइट्स प्रोटेक्शन एसोशिएसन की ओर से रोजाना 700 लोगों को खाना खिलाने के लिए एक गाड़ी दौड़ती है. यह गाड़ी शाम होते ही खाने के 700 पैकेट लेकर कोलकाता के विभिन्न हिस्सों में निकल पड़ती है और जरूरतमंदों को तलाश कर उन्हें खाना खिलाती है.

यह गाड़ी कोलकाता के एक कोने से दूसरे कोने तक रोजाना कम से कम 90 किलोमीटर का सफर तय करती है. इस काम को संस्था के स्वंयसेवक अंजाम देते हैं जिसका मकसद होता है गरीबों को भोजन मिले.

संस्था के चेयरमैन शमीम अहमद ने बताया कि एक बार वह एक कार्यक्रम से देर रात लौट रहे थे. उस वक्त किड्स स्ट्रीट में एक वृद्ध व्यक्ति को भूख से तड़पते देखा. उसको देख कर साफ लगा रहा था कि वह भिखारी नहीं है लेकिन उसके पास पैसे नहीं है जिसकी वजह से वह भोजन नहीं कर पाया. उस रात तो वह किसी तरह उनके भोजन का इंतजाम कर दिये, लेकिन उनको यह बात कचोटने लगी कि ना जाने कितने लोग इसी तरह भूखे प्यासे कोलकाता की सड़कों पर रात गुजारते होंगे.

लिहाजा उन्होंने संस्था की ओर से एक वैन खरीदकर 11 फरवरी से फूड फॉर ऑल के कार्यक्रम को अमलीजामा पहनाना शुरू किया. संस्था के दफ्तर में ही लोगों के लिए खाना बनता है. उसकी पैकिंग होती है और फिर स्वंयसेवक उसको लेकर कोलकाता कि सड़कों पर निकल पड़ते हैं लोगों को खाना खिलाने.

शमीम अहमद ने बताया कि यह सब संस्था की ओर से हो रहा है. अगर कोई दान देता है तो हमलोग उसको स्वीकार करते हैं, लेकिन अभी तक एक या दो दिन के लिए ही बाहर के लोगों की मदद मिली है. अगर सबका सहयोग मिलता है तो इस योजना को और बड़े पैमान पर लागू करने की इच्छा है.

उन्होंने बताया कि जब दूर-दराज के गांवों से कोलकाता में इलाज करवाने आये लोग इलाज के बोझ तले इस कदर दबे होते हैं कि उनके परिजनों के पास खाने तक का पैसा नहीं रहता है. ऐसे लोगों के लिए जब गाड़ी अस्पतालों के करीब पहुंचती है तो लोग उम्मीद की नजर से देखते हैं. इस कार्य को आगे बढ़ाने के लिए संस्था उत्साही और मददगार लोगों की तलाश कर रही है.

Next Article

Exit mobile version