प्रदेश भाजपा की नजर अल्पसंख्यक मतदाताओं पर

कोलकाता : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के मिशन बंगाल ‘सीट 22’ के लक्ष्य को अमलीजामा पहनाने के लिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष और मुकुल राय जी-जान से जुड़े हुए हैं. इन लोगों की नजर पश्चिम बंगाल का अल्पसंख्यक वोट बैंक हैं. इसमें सेंधमारी करने के लिए सुनियोजित तरीके से भाजपा आगे बढ़ रही है […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 23, 2018 2:22 AM
कोलकाता : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के मिशन बंगाल ‘सीट 22’ के लक्ष्य को अमलीजामा पहनाने के लिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष और मुकुल राय जी-जान से जुड़े हुए हैं. इन लोगों की नजर पश्चिम बंगाल का अल्पसंख्यक वोट बैंक हैं. इसमें सेंधमारी करने के लिए सुनियोजित तरीके से भाजपा आगे बढ़ रही है और सफल भी हो रही है.
नयी रणनीति के तहत भाजपा को सफलता भी मिल रही है. लेकिन असली नतीजा चुनाव के समय देखने को मिलेगा एेसा भाजपा के नेताओं का मानना है.भाजपा के अंदरखाने की खबर रखनेवालों के मुताबिक संघ के प्रचारकों ने बंगाल में डेरा डाल दिया है. वे विभिन्न इलाकों में अपना कार्य काफी तरीके से कर रहे हैं. इसका लाभ भी भाजपा को मिल रहा है. खुद इस बात को ममता बनर्जी भी स्वीकार कर रही हैं.
इसका प्रमाण 21 जुलाई की सभा में खुद ममता की जुबानी लोगों को मिला. जहां ममता ने मंच से अपनी पार्टी के नेताओं को सतर्क करते हुए कहा कि विभिन्न ब्लाॅकों में संघ के लोग पहुंच गये हैं और वह यहां के सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं. उन पर नजर रखें और सतर्क रहें. जब ममता बनर्जी यह बयान दे रही थीं, उस वक्त भाजपा उत्तर बंगाल में अल्पसंख्यक समुदाय के दो नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करा रही थी.
मुर्शिदाबाद के रेजीनगर व दक्षिण दिनाजपुर के हुमांयू कबीर और अब्दुल करीम को अपने पाले में कर लिया. ममता खुश थीं कि वह चंदन मित्रा जैसे दिग्गज का विकेट गिरायी हैं. लेकिन जमीनी स्तर पर भाजपा काफी आगे चल रही है. इस बात का पता शहीद दिवस की सभा में आयी भीड़ से चल रहा है और भाजपा के हौसले से ममता ने एलान किया था कि वह प्रधानमंत्री की सभा स्थल पर 28 जुलाई को सभा करेंगी.
जबाव में भाजपा ने तृणमूल के ब्रिगड रैली के तुरंत बाद प्रधानमंत्री को लेकर ब्रिगेड में सभा करने का एलान कर दिया. इस तरह राजनीतिक बयानबाजी में तृणमूल को उलझाते हुए अपनी रणनीति के तहत भाजपा एक के बाद एक मुस्लिम चेहरों को भाजपा के साथ ला रही है. इसमें हावड़ा की इशरत जहां से लेकर उनका मुकदमा लड़नेवालीं अधिवक्ता नाजिया इलाही खान को भाजपा में शामिल करा कर दिया है.
इसके अलापा टीपू सुल्तान मस्जिद के पूर्व इमाम मौलाना बरकती किसी भी दिन भाजपा में शामिल हो सकते हैं. सिर्फ इतना ही नहीं फुरफुरा शरीफ के पीरजादा ताहा सिद्दिकी के साथ मुकुल राय की निकटता जगजाहिर है. इतना ही नहीं, भाजपा मुस्लिम महिलाओं को शिक्षा, तीन तलाक और हलाला जैसे मुद्दों को सामने ला कर उनकी संवेदनाओं को अपने पक्ष में करने में जुट गयी है.
इसके अलावा शिया और अहमदिया समुदाय के मुसलमानों को सीधे भाजपा के साथ बंगाल में जोड़ने की रणनीति बनायी जा रही है. कुल मिलाकर भाजपा अपने मिशन को अंजाम देने में शिद्दत से जुड़ी हुई है.

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