कोलकाता : सर्वसम्मति से विस में प्रस्ताव पारित, पश्चिम बंगाल होगा अब बांग्ला

प्रभात खबर के सिलीगुड़ी कार्यालय में मना कारगिल विजय दिवस कोलकाता : पश्चिम बंगाल अब ‘बांग्ला’ के नाम से जाना जायेगा. गुरुवार काे विधानसभा में राज्य सरकार द्वारा पेश किया गया प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास हो गया. सत्तारूढ़ पार्टी के साथ-साथ कांग्रेस, माकपा व भाजपा ने भी राज्य सरकार के इस प्रस्ताव का समर्थन किया. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 27, 2018 9:28 AM
प्रभात खबर के सिलीगुड़ी कार्यालय में मना कारगिल विजय दिवस
कोलकाता : पश्चिम बंगाल अब ‘बांग्ला’ के नाम से जाना जायेगा. गुरुवार काे विधानसभा में राज्य सरकार द्वारा पेश किया गया प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास हो गया. सत्तारूढ़ पार्टी के साथ-साथ कांग्रेस, माकपा व भाजपा ने भी राज्य सरकार के इस प्रस्ताव का समर्थन किया. विधानसभा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रस्ताव पारित होने के दौरान कहा कि हम तीन अलग-अलग भाषाओं में राज्य का तीन नाम करना चाहते थे और उन्होंने ऐसा ही प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था.
लेकिन केंद्र को यह मंजूर नहीं था. केंद्र सरकार ने सिर्फ एक नाम रखने का प्रस्ताव दिया. इसलिए अब एक ही नाम बांग्ला रखा गया है. राज्य के सभी दलों ने विधानसभा में इस प्रस्ताव पर सहमति जतायी. अब इस प्रस्ताव को केंद्र के पास मंजूरी के लिए भेजा जायेगा. इसके साथ ही यह भी स्पष्ट हो गया है कि सभी भाषाओं में यह नाम बांग्ला ही होगा. गाैरतलब है कि दो साल पहले भी राज्य सरकार ने नाम बदलने का प्रयास किया था, लेकिन उस पर बात आगे नहीं बढ़ पायी थी.
इससे पहले दो बार पारित हो चुका है प्रस्ताव
उल्लेखनीय है कि तृणमूल कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पहले 2011 में ममता बनर्जी ने राज्य का नाम बदलने के लिए प्रस्ताव पारित कराया था, लेकिन उस समय इसकी मंजूरी नहीं मिली. इसके बाद राज्य सरकार ने अलग-अलग भाषाओं में राज्य के तीन नाम सुझाते हुए विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया था.
2016 में पारित प्रस्ताव में पश्चिम बंगाल का नाम बांग्ला भाषा में बांग्ला, हिंदी में बंगाल और अंग्रेजी में बेंगाल रखा गया था. लेकिन इसके बाद नामों में एकरूपता नहीं होने के आधार पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रस्ताव को नामंजूर करते हुए एक ही नाम रखने का सुझाव दिया. केंद्र के सुझाव के अनुसार, गुरुवार को राज्य सरकार ने बांग्ला नाम देने के लिए एक बार फिर से प्रस्ताव पारित किया.
मुख्यमंत्री के जहन में क्यों आया राज्य का नाम बदलने का ख्याल
गौरतलब है कि वर्ष 2011 में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नयी दिल्ली में एक बैठक में हिस्सा लेने पहुंची थीं और उस बैठक में मुख्यमंत्री की बोलने की बारी आने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा था. क्योंकि, पश्चिम बंगाल का वर्णमाला क्रम में नाम डब्ल्यू से शुरू होता है, इसीलिए उनकी बारी अंत में आयी थी. उसी वक्त मुख्यमंत्री ने राज्य का नाम बदलने का विचार शुरू किया. इसके बाद उन्होंने राज्य का नाम पश्चिम बंगो यानी किसी भी भाषा में लिखने में पी अक्षर से शुरू करने की बात कही थी. परंतु, इसके लिए सहमति नहीं बनी.
वाम सरकार भी बदलना चाहती थी नाम
वर्तमान में बांग्ला भाषा में राज्य का नाम पश्चिम बंगाल है. इससे पहले पूर्व वाममोर्चा की सरकार ने भी राज्य का नाम बदलकर पश्चिमबंग रखने की सिफारिश की थी. हालांकि उस पर भी अंतिम सहमति नहीं बन पायी थी, जिसकी वजह से नाम नहीं बदल पाया था.
26 जुलाई 1999 को कारगिल में पाकिस्तान के िखलाफ मिली जीत हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है. इस याद को तरोताजा रखने के लिए हर साल इस दिन कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है.
प्रभात खबर ने भी गुरुवार को कारगिल की विजय को याद किया. सिलीगुड़ी कार्यालय में इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में सीआरपीएफ के सिलीगुड़ी ग्रुप सेंटर के डीआइजी बलविंदर सिंह गुजराल, रेंज डीआइजी बलदेव सिंह, ग्रुप सेंटर के कमांडेंट प्रमोद कुमार मेहरा, सेकेंड इन कमांड सुनील कुमार सविता, डिप्टी कमांडेंट संजय गोसाईं व गौरव कुमार विशेष अतिथि के तौर पर उपस्थित थे.

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