कोलकाता : असम में नागरिकता रजिस्टर की लिस्ट पर राजनीति तेज हो गयी है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सबसे पहले जोर-शोर से इसका विरोध किया. उनके विरोध पर अब सवाल उठने लगे हैं. सबसे पहले NRC ने औरअब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता रूपा गांगुली ने उनकी आपत्तियों पर सवाल खड़े किये हैं. रूपा गांगुली ने कहा है कि NRC ड्राफ्ट के नाम पर ममता बनर्जी लोगों को डरा रही हैं. पश्चिम बंगाल महिला भाजपा की प्रमुख ने कहा कि जिन लोगों के पास पहचान पत्र है, उन्हें डरने की कोई जरूरत नहीं है.
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इससे पहले ममता ने गृह मंत्री से मिलकर NRCके फाइनल ड्राफ्ट में संशोधन की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि अगर यह ड्राफ्ट लागू हुआ, तो देश में गृहयुद्ध की स्थिति बन जायेगी. ममता की नाराजगी स्वाभाविक है क्योंकि असम में बंगालियों की संख्या बहुत है, लेकिन NRC की ओर से जो जानकारी सामने आयी है, वह ममता के गुस्से पर सवाल खड़े करता है.
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टाइम्स अॅाफ इंडिया ने एक रिपोर्ट में कहा था कि NRC की ओर से 1.14 लाख दस्तावेज बंगाल सरकार को भेजे गये थे, जिनमें से मात्र छह प्रतिशत को ही सत्यापित करके NRC को वापस भेजा गया. यह जानकारी NRC के स्टेट को-ऑर्डिनेटर प्रतीक हजेला ने सुप्रीम कोर्ट को दी. उन्होंने कोर्ट को बताया कि दस्तावेज का सत्यापन नहीं करने वालों में बंगाल के अलावा बिहार, चंडीगढ़, मणिपुर और मेघालय शामिल हैं. इन्होंने मात्र दो से सात प्रतिशत दस्तावेजों का ही सत्यापन किया.