बंगाल में भी हो एनआरसी : भाजपा

कोलकाता : असम की तरह ही बंगाल में भी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू करने की मांग करते हुए एनआरसी के समर्थन में गुरुवार को प्रदेश भाजपा की ओर से एक रैली निकाली गयी, जिसे हाजरा मोड़ पहुंचते ही पुलिस ने रैली को रोक दिया. वहां पर भाजपा महिला मोर्चा ने रास्ता अवरोध किया. अंत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 3, 2018 3:34 AM
कोलकाता : असम की तरह ही बंगाल में भी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू करने की मांग करते हुए एनआरसी के समर्थन में गुरुवार को प्रदेश भाजपा की ओर से एक रैली निकाली गयी, जिसे हाजरा मोड़ पहुंचते ही पुलिस ने रैली को रोक दिया. वहां पर भाजपा महिला मोर्चा ने रास्ता अवरोध किया. अंत में अवरोध हटाया गया.
रैली में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष, राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा और राज्य महासचिव शायंतन बसु के नेतृत्व में यह रैली दक्षिण कोलकाता के देशप्रिय पार्क से मैदान इलाके तक निकाली गयी. रैली में राज्य महिला मोर्चा की अध्यक्ष लॉकेट चटर्जी, भाजपा नेता नवीन मिश्रा आदि भी शामिल थे. पश्चिम बंगाल में भी घुसपैठियों के खिलाफ प्रशासन द्वारा कठोर कदम उठाने की मांग करते हुए असम की तरह ही बंगाल में भी एनआरसी लागू करने की मांग की गयी.
प्रदेश भाजपा महिला शाखा की अध्यक्ष लॉकेट चटर्जी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि हम पश्चिम बंगाल में भी एनआरसी लागू करने की मांग करते हैं. बांग्लादेश से यहां घुसपैठ बहुत आम है. ये घुसपैठिये बम बनाने, तस्करी, दंगा और सिंडिकेट चलाने जैसी अवैध गतिविधियों में शामिल हैं.
उन्हें बांग्लादेश भेजा जाना चाहिए. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बांग्लादेश के रोहिंग्या शरणार्थियों को बंगाल के जिलों में बसाने का आरोप लगाते हुए भाजपा नेता ने दावा किया कि राज्य में घुसपैठ की जांच और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए बंगाल में एनआरसी की सख्त जरूरत है.
उन्होंने कहा कि सीएम रोहिंग्याओं तक को राज्य में बसने की इजाजत दे रही हैं. बांग्लादेश के घुसपैठियों के लिए उनके दिल में बहुत करुणा है. उन्हें पहले अपने लोगों को शांति देनी चाहिए. मौके पर श्री घोष ने सीएम पर निशाना साधा और उन पर असम के एनआरसी मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि सुश्री बनर्जी जान बूझकर भाजपा को बदनाम करने और झूठ फैलाकर बंगालियों को उकसाने की कोशिश कर रही हैं. उन्होंने कहा कि असम में एनआरसी मसौदा सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर प्रकाशित किया गया है और इससे 40 लाख लोगों को बाहर कर दिया गया है अगर प्रक्रिया में कुछ खामियां हैं, तो राज्य सरकार और अदालत इसपर नजर रखेगी.
लेकिन जिस तरीके से वे (तृणमूल) इस मुद्दे को राजनीतिक बना रहे हैं और बंगाल व असम दोनों राज्यों में बंगालियों को उकसाने की कोशिश कर रहे हैं, वह शर्मनाक है.मौके पर भाजपा नेता शायंतन बसु ने कहा कि बंगाल के सांसदों को असम ले जाकर वहां पर अशांति फैलाने की कोशिश की जा रही है. भाजपा के 20 राज्यों में मुख्यमंत्री हैं. अगर वे बंगाल में आ जायें, तो यहां भी सरकार कानून व्यवस्था नहीं संभाल पायेगी.

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