सोमनाथ दा ने निभाया वादा, शरीर-आंखें दान की
कोलकाता : सोमनाथ चटर्जी ने सालों पहले एक वादा किया था और वह जाने से पहले यह सुनिश्चित कर गये थे कि उनकी मौत के बाद भी यह वादा निभाया जाये. अपने मार्गदर्शक और पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु की तरह ही सोमनाथ दा ने साल 2000 के शुरुआती दिनों में ही अपने […]
कोलकाता : सोमनाथ चटर्जी ने सालों पहले एक वादा किया था और वह जाने से पहले यह सुनिश्चित कर गये थे कि उनकी मौत के बाद भी यह वादा निभाया जाये. अपने मार्गदर्शक और पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु की तरह ही सोमनाथ दा ने साल 2000 के शुरुआती दिनों में ही अपने शरीर को दान करने की प्रतिबद्धता जतायी थी.
उस समय उनकी उम्र 73 साल थी. ज्योति बसु का 2010 में निधन हुआ था. उनकी उम्र तब 95 साल थी. अब चिकित्सा छात्र लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी के पार्थिव शरीर का सदुपयोग शिक्षा उद्देश्यों के लिए करेंगे. एसएसकेएम अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
ज्ञात हो कि काफी दिनों से बीमार चल रहे श्री चटर्जी का निधन सोमवार सुबह को हुआ था. परिवार ने उनके शव व नेत्र दान कर दिया है. पूर्व वामपंथी नेता का शव उनके परिवार वालों ने सोमवार शाम अस्पताल के एनाटॉमी (शरीर रचना विज्ञान) विभाग को दान कर दिया है. अस्पताल के शरीर रचना विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ आशीष घोषाल ने कहा कि शव को खराब होने से बचाने के लिए उस पर लेप लगाया गया है.
सोमनाथ की त्वचा स्किन बैंक में :
डॉ घोषाल ने हमें बताया कि प्लास्टिक सर्जरी विभाग के एक सर्जन ने संरक्षित करने के लिए लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष श्री चटर्जी की त्वचा को निकाल लिया है. त्वचा से ना केवल चिकित्सा छात्रों को फायदा होगा, बल्कि आग से झुलसनेवाले लोग भी लाभान्वित होंगे. उन्होंने कहा कि पूर्व लोकसभा अध्यक्ष का कोर्निया (आंखों का सफेद हिस्सा) प्रियंवदा बिरला अरविंद अस्पताल को दान में दे दिया गया. श्री चटर्जी के शरीर के हर हिस्से का इस्तेमाल शिक्षा व अनुसंधान कार्यक्रमों के लिए किया जायेगा. हम उनकी हड्डियों व अंगों को नियमों के अनुरूप संरक्षित कर रहे हैं.
श्रद्धांजलि देने पहुंचे बिहार विस के पूर्व अध्यक्ष
कोलकाता. लोकसभा के पूर्व दिवंगत अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी को श्रद्धांजलि देने मंगलवार को बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी कोलकाता पहुंचे. श्री चौधरी मंगलवार दोपहर को पटना से विमान से कोलकाता पहुंचे और साॅल्टलेक स्थित श्री चटर्जी के आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया.
श्री चौधरी श्री चटर्जी के पत्नी व उनके परिवार के सदस्यों से मुलाकात की और शोक संतप्त परिवार को सांत्वना दिया. श्री चौधरी ने कहा कि सोमनाथ दा एक उत्कृष्ट सांसद थे तथा उन्होंने संविधान व संसदीय परंपरा की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी. उनके निधन से भारतीय राजनीति को अपूर्णनीय क्षति पहुंची है.