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ममता ने एनआरसी में छूटे लोगों के प्रति जतायी हमदर्दी

कोलकाता : राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विश्व मानवता दिवस के अवसर पर रविवार को कहा कि असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) मसौदा में जिन लोगों को शामिल नहीं किया गया है, उनके प्रति मेरी सहानुभूति है. असम में एनआरसी मसौदा में करीब 40 लाख लोगों के नाम शामिल नहीं हैं. मानवाधिकारों को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 20, 2018 1:54 AM
कोलकाता : राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विश्व मानवता दिवस के अवसर पर रविवार को कहा कि असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) मसौदा में जिन लोगों को शामिल नहीं किया गया है, उनके प्रति मेरी सहानुभूति है. असम में एनआरसी मसौदा में करीब 40 लाख लोगों के नाम शामिल नहीं हैं.
मानवाधिकारों को संविधान के मूल तत्वों में से एक बताते हुए सुश्री बनर्जी ने कहा कि जिन लोगों के नाम एनआरसी में शामिल नहीं हैं, वे अब अपने ही देश में शरणार्थी बन गये हैं. उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि आज विश्व मानवता दिवस है. मानवाधिकारों का सम्मान करना हमारे संविधान के मूल तत्वों में से एक है. आज इस अवसर पर मेरे दिल में उन 40 लाख लोगों के प्रति सहानुभूति है, जो असम में एनआरसी के कारण अपने ही देश में शरणार्थी बन गये हैं.
ममता बनर्जी 30 जून को एनआरसी के अंतिम मसौदा के जारी होने के बाद से इसके खिलाफ अपनी आवाज उठाती रही हैं. उन्होंने दावा किया कि जिनके नाम नागरिक पंजी की सूची में शामिल नहीं किये गये उन्हें ‘‘डिटेंशन कैम्प’ (हिरासत शिविर) भेजा जा रहा है. तृणमूल अध्यक्ष ने यह भी कहा कि जो लोग इस देश में बरसों से रह रहे हैं उन पर ‘‘घुसपैठिये का लेबल’ लग गया है. उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा पर लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखकर इस मुहिम को चलाने का आरोप लगाया है.

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