सारधा घोटाला : चार आइपीएस अधिकारियों से पूछताछ करेगी सीबीआइ
24 अगस्त तक चारों आइपीएस अधिकारियों से पूछताछ करने का उल्लेख पुलिस की जांच को लेकर कई सवालों के जवाब जानना चाहती है सीबीआइ चारों आइपीएस अधिकारियों को पहले ही सीबीआइ की तरफ से भेजा जा चुका है ईमेल कोलकाता : सारधा चिटफंड घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ की टीम इस मामले की जांच […]
24 अगस्त तक चारों आइपीएस अधिकारियों से पूछताछ करने का उल्लेख
पुलिस की जांच को लेकर कई सवालों के जवाब जानना चाहती है सीबीआइ
चारों आइपीएस अधिकारियों को पहले ही सीबीआइ की तरफ से भेजा जा चुका है ईमेल
कोलकाता : सारधा चिटफंड घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ की टीम इस मामले की जांच के सिलसिले में राज्य के चार आइपीएस अधिकारियों से पूछताछ करना चाहती है. सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक, चारों आइपीएस अधिकारी सारधा चिटफंड घोटाले की शुरुआती जांच में शामिल हैं.
सीबीआइ सूत्रों का कहना है कि विधाननगर कमिश्नरेट के अधिकारियों द्वारा गठित स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (सीट) के सदस्यों ने शुरुआत में इस मामले की जांच की थी. इधर कोलकाता पुलिस के पूर्व ज्वायंट सीपी क्राइम की देखरेख में कोलकाता में इस घोटाले को लेकर दर्ज शिकायत की जांच शुरू हुई थी. इसके कारण सीट से जुड़े इन चारों आइपीएस अधिकारियों से 21 अगस्त से 24 अगस्त तक पूछताछ करने की बात थी.
पूछताछ के लिए चारों अधिकारियों को ईमेल के जरिये सॉल्टलेक में स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स में आने को 21 से 24 अगस्त के बीच आने को कहा गया था. वह इमेल राज्य के डीजी को भी भेजकर उन्हें भी इस बारे में सूचित किया गया था. लेकिन इन अधिकारियों के तरफ से कोई भी जवाब सीबीआइ को नहीं मिला है. ना ही मीडिया में इनका कोई बयान आया है. इसके कारण सीबीआइ की तरफ से 24 अगस्त के बाद अगली कार्रवाई की जायेगी.
ज्ञात हो कि 2013 के मई महीने में सारधा चिटफंड मामले का खुलासा होने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर विधाननगर कमिश्नरेट के उस समय के सीपी के नेतृत्व में शुरुआत में इस मामले की जांच के लिए सीट का गठन किया गया था. आरोप है कि इस दौरान जांच में कई कागजात का सुराग नहीं मिल रहा है.
कंपनी के निदेशक सुदीप्त सेन ने एक लाल डायरी का जिक्र सीबीआइ अधिकारियों के पास किया था. जिसमें कौन उनसे रुपये लिये थे और कब-कब कितने रुपये लिये गये थे, सभी की जानकारी उस डायरी में थी. उस डायरी का भी सुराग नहीं मिल रहा है.
सीबीआइ सूत्रों का कहना है कि शुरुआती जांच को लेकर पूछताछ के लिए ही इन आइपीएस अधिकारियों को पूछताछ के लिए सीबीआइ दफ्तर में बुलाया गया था.