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गंगासागर में प्रवाहित की गयीं अटल की अस्थियां
कोलकाता : पूर्व प्रधानमंत्री व भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में गंगा और बंगाल की खाड़ी के संगम यानी गंगा सागर स्थित कपिल मुनि के आश्रम के सामने वाले घाट पर प्रवाहित की गयीं.गंगासागर में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष, राहुल सिन्हा, मुकुल रॉय और पार्टी के अन्य नेताओं […]
कोलकाता : पूर्व प्रधानमंत्री व भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में गंगा और बंगाल की खाड़ी के संगम यानी गंगा सागर स्थित कपिल मुनि के आश्रम के सामने वाले घाट पर प्रवाहित की गयीं.गंगासागर में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष, राहुल सिन्हा, मुकुल रॉय और पार्टी के अन्य नेताओं की उपस्थिति में पूरे विधि-विधान से कर्मकांड को पूरा किया गया. इसके बाद मंत्रोचारण के बीच अटल बिहारी अमर रहे के नारों के साथ वाजपेयी जी की अस्थियां गंगा और बंगाल की खाड़ी के संगम (गंगासागर) में प्रवाहित की गयी.
गंगासागर पश्चिम बंगाल के तट के पास एक द्वीप है जहां गंगा और बंगाल की खाड़ी का संगम होता है. घोष स्वयं कोलकाता से अस्थियां लेकर गंगासागर आये. पश्चिम बंगाल भाजपा के उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार ने बताया कि मुख्य कलश में आयीं अस्थियों के एक हिस्से को चार अन्य कलशों में रखा गया है. मुख्य कलश का विसर्जन गंगासागर में हुआ जबकि अन्य चार कलश उत्तर बंगाल, फरक्का, बांकुड़ा और नवद्वीप ले जाये जायेंगे.
प्रदेश भाजपा ने गुरुवार को कोलकाता से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अस्थि कलश के साथ ‘अस्थि कलश यात्रा’ निकाली थी. पूरे सफर के दौरान लोग सड़कों के दोनों किनारे पर खड़ा होकर पूर्व प्रधानमंत्री को भावभीनी श्रद्धांजलि दे रहे थे. देर शाम को अस्थि कलश सागर द्वीप पर पहुंच गया था, लेकिन कलकत्ता वस्त्र व्यवसायी समिति के धर्मशाला तक पहुंचने में रात 11 बजे का वक्त लग गया था, क्योंकि उस वक्त गंगा सागर जेटी पर जब अस्थि कलश पहुंचा तो वहां पर हजारों की तादाद में लोग अस्थियों का दर्शन करने पहुंच गये थे.
इसके बाद जब अस्थि कलश लेकर भाजपा के नेता मंदिर तट तक पहुंचने लगे तो लोगबाग सात जगहों पर काफिले को रोक कर अपनी श्रद्धांजलि देते रहे. लिहाजा रात होने की वजह से अस्थि कलश को गंगा सागर में प्रवाहित नहीं किया गया. शुक्रवार की सुबह भारी भीड़ के बीच कभी दिलीप घोष अस्थि कलश को अपने सर पर रख रहे थे तो कभी राहुल सिन्हा तो कभी कोई और नेता इस तरह लोग तट पर पहुंचे, जहां पूरे विधि विधान के साथ अस्थियों को गंगा सागर में प्रवाहित किया गया.
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