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चौथे दिन भी जारी रहा डॉक्टरों का धरना प्रदर्शन
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में मास्टर इन मेडिसीन (एमडी) मास्टर इन सर्जरी (एमएस) यानी उच्च शिक्षा प्राप्त चिकित्सकों का अभाव है, तो वहीं दूसरी ओर मेधावी चिकित्सकों को राज्य सरकार उच्च शिक्षा के लिए अवसर प्रदान नहीं कर रही है. एमडी-एमएस में दाखिले की मांग पर करीब विभिन्न सरकारी अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सक सुबोध मल्लिक […]
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में मास्टर इन मेडिसीन (एमडी) मास्टर इन सर्जरी (एमएस) यानी उच्च शिक्षा प्राप्त चिकित्सकों का अभाव है, तो वहीं दूसरी ओर मेधावी चिकित्सकों को राज्य सरकार उच्च शिक्षा के लिए अवसर प्रदान नहीं कर रही है. एमडी-एमएस में दाखिले की मांग पर करीब विभिन्न सरकारी अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सक सुबोध मल्लिक स्क्वायर स्थित डॉ बीसी राय के आवास के निकट धरना दे रहे हैं. चिकित्सकों का धरना प्रदर्शन गत चार दिनों से लगातार जारी है.
सर्विस डॉक्टर फोरम तथा मेडिकल सर्विस सेंटर के बैनर तले चिकित्सक धरना पर बैठे हुए हैं. यह जानकारी सर्विस डॉक्टर फोरम के वरिष्ठ कार्यकर्ता डॉ सपन विश्वास ने दी. उन्होंने बताया कि राज्य विभिन्न विषय में पोस्ट ग्रेजुएट के लिए करीब 1300 सीट है. इनमें राज्य सरकार के कोर्ट में करीब 348 सीट है. इसके बावजूद इस वर्ष मात्र 180 चिकित्सकों को ही पोस्ट ग्रेजुएट करने का मौका मिला है, जबकि 105 दाखिला नहीं मिला है. उन्होंने बताया कि इस विषय को लेकर कई बार राज्य स्वास्थ्य विभाग को ज्ञापन सौंपा गया है.
लेकिन समस्या जस के तस बनी हुई है. डॉ विश्वास ने कहा कि सैट व हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को रिक्त 105 सीटों पर चिकित्सकों की पढ़ाई का अवसर प्रदार करने को कहा है, लेकिन राज्य सरकार कोर्ट को सैट के निर्देश को भी नहीं मान रही है. इसलिए ऐसे चिकित्सक धरना पर हैं.
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