आवारा कुत्तों की मसीहा बनीं संचिता पाल, आवारा कुत्तों की समर्पित भाव से सेवा करती हैं हुगली की संचिता
हुगली : हर गली मोड़ पर आवारा कुत्ते मिल जायेंगे, लेकिन इन कुत्तों के मसीहा विरले ही मिलेंगे. चंदननगर की रहनेवाली संचिता पाल एक ऐसी पशु प्रेमी हैं जिन्होंने आवारा कुत्तों की देखभाल में खुद को समर्पित कर दिया है. कुत्तों की समर्पित भाव से सेवा ने ही उन्हें कुत्तों का मसीहा बना दिया है. […]
हुगली : हर गली मोड़ पर आवारा कुत्ते मिल जायेंगे, लेकिन इन कुत्तों के मसीहा विरले ही मिलेंगे. चंदननगर की रहनेवाली संचिता पाल एक ऐसी पशु प्रेमी हैं जिन्होंने आवारा कुत्तों की देखभाल में खुद को समर्पित कर दिया है. कुत्तों की समर्पित भाव से सेवा ने ही उन्हें कुत्तों का मसीहा बना दिया है.
बताया जाता है कि बचपन से ही संचिता कुत्तों और बिल्लियों के बीच रहीं हैं. अब वह पूूूूरी तरह से इनकी सेवा कार्य में जुटी हुई हैं. बस खबर मिलने देर है, अगर कोई कुत्ता बीमार हालत में पड़ा हो तो वह और उनकी टीम फौरन मौके पर पहुंच कर उनका इलाज करते हैं. अगर वहां इलाज करने लायक ना हो तो उसे अपने घर लाते हैं और इलाज के बाद फिर उसे छोड़ आते हैं .
परिवार के साथ ही वह अपने मुहल्ले के कुत्तों के लिए भी भोजन तैयार करती हैं. उनकी एक आवाज पर कुत्तों का झुंड दौड़ पड़ता है. संचिता बताती हैं कि वह किसी एनजीओ से भी नहीं जुड़ी है और न ही सरकारी सहायता पाने की उन्हें लालच है. बेजुबान जानवरों की सेवा वह अपना धर्म मान कर करती हैं. इस कार्य में उनके पति पिकासो पाल, परिवारिक मित्र सप्तमीता तालुकदार तथा शुभंकर दास उन्हें सहयोग करते हैं.
दो पशु चिकित्सक उत्पल दास और अभिजीत शील भी हर तरह से उनकी मदद करते हैं. कुत्तों में पार्वो वायरल, डिस्टेंपर, लाइम रोग, उल्टी, बुखार, खुजली आदि रोग होने पर इलाज कर उन्हें नव जीवन दिया जाता है. संचिता लोगों से अपील करती हैं कि बेजुबान इन पशुओं को पीटे नहीं, बल्कि उनके साथ प्रेम से पेश आयें.