बांग्लादेशियों का फर्जी पासपोर्ट बनाने का मामला आरोपियों के पास से जब्त पांच मोबाइलों को खंगाल रही पुलिस कोलकाता. बांग्लादेशी नागरिकों का फर्जी पासपोर्ट बनाने के मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी का सिलसिला जारी है. मामले में कोलकाता पुलिस के एक सेवानिवृत्त सब-इंस्पेक्टर (एसआइ) अब्दुल हई (61) की गिरफ्तारी के बाद कई जानकारियां हाथ लगी हैं. पता चला है कि मास्टरमाइंड समरेश मंडल के अकाउंट से अब्दुल के खाते में 12.50 लाख रुपये ट्रांसफर किये गये थे. जांच अधिकारी का कहना है कि गिरफ्तार मनोज गुप्ता, समरेश विश्वास, धीरेन घोष और अब्दुल के पास से जब्त किये गये कुल पांच मोबाइल फोन से पूरे ऑपरेशन की जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश की जा रही हैं. पुलिस के मुताबिक अब्दुल हमेशा समरेश और मुख्तार आलम के संपर्क में रहता था. वह जानकारी इनके मोबाइल के कॉल लिस्ट से मिली है. मोबाइल से काफी डेटा डिलीट किये गये हैं. इसे रिकवर करने के लिए फॉरेंसिक एक्सपर्ट की मदद ली जायेगी. डिलीट डेटा रिकवर के बाद और भी जानकारी हाथ लगेगी. बताया जा रहा है कि पूर्व एसआइ कथित वेरिफिकेशन के लिए प्रति पासपोर्ट 25 हजार रुपये लेता था. जांचकर्ताओं को पता चला कि पैसा सीधे उसके बैंक खाते में जमा किये जाते थे. सूत्रों के मुताबिक अब्दुल ने समरेश से पैसे लेने की बात स्वीकार की है. उससे पूछताछ के बाद कुछ अन्य पुलिसकर्मियों को भी जल्द गिरफ्तार किया जा सकता है.
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