कोलकाता : सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जश्न में डूबा समलैंगिक समुदाय

सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय खंडपीठ ने दिया समता का अधिकार, बेमानी हुई धारा 377 कोलकाता : समलैंगिकता और ट्रांसजेंडर संप्रदाय के लोगों के प्रति समाज में चल रहे दोहरे मापदंड के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्र की अगुवाई में पांच सदस्यीय खंडपीठ ने एेतिहासिक फैसला दिया है. इसके तहत इस संप्रदाय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 7, 2018 9:34 AM
सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय खंडपीठ ने दिया समता का अधिकार, बेमानी हुई धारा 377
कोलकाता : समलैंगिकता और ट्रांसजेंडर संप्रदाय के लोगों के प्रति समाज में चल रहे दोहरे मापदंड के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्र की अगुवाई में पांच सदस्यीय खंडपीठ ने एेतिहासिक फैसला दिया है.
इसके तहत इस संप्रदाय के लोगों को भी समाज में समता का अधिकार दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सुनते ही समलैंगिक व ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों में खुशी की लहर छा गयी है. अपनी खुशी का इजहार करने के लिए इस समुदाय के लोगों ने एकेडमी ऑफ फाइन आर्ट्स के सामने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर व गले लग कर अपनी खुशी जतायी. सुप्रीम कोर्ट के प्रति अपना आभार व्यक्त किया.
उल्लेखनीय है कि अब तक लिंग परिवर्तन करानेवालों (ट्रांसजेंडरों) व समलैंगिकों को समाज में हिकारत की नजर से देखा जाता था. इसे लेकर कानून भी सख्त था. लिहाजा इस समाज के लोगों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करते हुए बराबरी का दर्जा देने से इस समाज के लोगों का खुश रहना स्वाभाविक है. इस समाज के लोगों को लेकर लामबंद करनेवाले एलजीबीटी समुदाय के रंजीत काफी दिनों से लोगों को संगठित करके आंदोलन कर रहे थे. जब फैसला आया, तो अपनी खुशी को रोक नहीं पा रहे थे.
उनके मुताबिक एक इंसान के रूप में अर्से से उपेक्षित चल रहे लोगों को आखिरकार देर से ही सही, उनका हक मिला, जिसके वे हकदार थे. इस समाज के हित में लगातार आवाज बुलंद करनेवाले बापादित्य ने कहा कि अब तक इस समाज के लोगों को हिकारत की नजर से देखा जाता था. योग्यता रहने के बावजूद उन्हें सही मर्यादा नहीं मिलती थी. लोग इस समाज की उपेक्षा करते थे. ऐसे में इस फैसले से लोगों को समाज में सिर उठाकर जीने की मान्यता मिलेगी.

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