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कोलकाता : एशियाड में सफलता से ब्रिज हो रहा लोकप्रिय
आनंद कुमार सिंह कोलकाता : ताश के पत्तों के खेल को कभी हेय की दृष्टि से देखनेवालों का नजरिया बदल रहा है. इस नजरिये को बदलने में बंगाल के प्रणव बर्द्धन और शिवनाथ दे सरकार ने बड़ी भूमिका निभायी है. एशियाड में दोनों की जोड़ी ने भारत के लिए स्वर्ण पदक हासिल किया है. टीम […]
आनंद कुमार सिंह
कोलकाता : ताश के पत्तों के खेल को कभी हेय की दृष्टि से देखनेवालों का नजरिया बदल रहा है. इस नजरिये को बदलने में बंगाल के प्रणव बर्द्धन और शिवनाथ दे सरकार ने बड़ी भूमिका निभायी है. एशियाड में दोनों की जोड़ी ने भारत के लिए स्वर्ण पदक हासिल किया है.
टीम के नॉन प्लेयिंग कप्तान व कोच देवाशीष राय ने कहा कि यह प्रदर्शन युवाओं को उस खेल के प्रति आकर्षित करेगा जो शायद सर्वाधिक वैज्ञानिक दिमागी खेल है. उनके मुताबिक शतरंज की तुलना में ब्रिज कहीं अधिक दिमागी खेल है जिसमें संभावनाएं कहीं अधिक होती हैं. हालांकि क्रिकेट या चेस की तरह यह खेल कभी भी प्रचार के घेरे में नहीं आया. यह सफलता लोगों के नजरिये को बदलने में मदद करेगी.
प्रणव बर्द्धन की बेटी प्रतीरूपा बर्द्धन के अनुसार यह सफलता उनके लिए बहुत बड़ा उपहार है. हावड़ा के सलकिया निवासी शिवनाथ सरकार के पड़ोसियों में खुशी का आलम है. उनके मोहल्ले में भी अब ब्रिज को लेकर उत्साह दिख रहा है.
दोनों ही खिलाड़ियों का सपना है कि इस खेल को और ख्याति मिले और यह भारत में क्रिकेट की तरह लोकप्रिय हो जाये. दोनों का मानना है कि यह सफलता कई नये खिलाड़ियों को उत्साहित करेगी. वह दिन दूर नहीं जब ब्रिज के खेल को महज ताश के एक अन्य खेल की तरह नहीं देखा जायेगा, बल्कि यह दिमागी खेल के तौर पर जन-जन में स्वीकृति पायेगा.
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