लोस चुनाव : बंगाल की CM ममता का दावा, 200 का आंकड़ा पार नहीं कर पायेगी भाजपा

कोलकाता : एक निजी न्यूज चैनल की ओर से शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों से परेशान लोग अब इससे निजात पाना चाहते हैं. लिहाजा इस बार चुनाव एक ही मुद्दे पर होगा और वह मुद्दा है इस सरकार से निजात पाना. उन्होंने दावा किया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 14, 2018 9:23 PM

कोलकाता : एक निजी न्यूज चैनल की ओर से शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों से परेशान लोग अब इससे निजात पाना चाहते हैं. लिहाजा इस बार चुनाव एक ही मुद्दे पर होगा और वह मुद्दा है इस सरकार से निजात पाना.

उन्होंने दावा किया कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा 200 सीटें भी नहीं पायेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों की सोच बदल गयी है. पहले लोग यह मानते थे कि इस देश में राष्ट्रीय पार्टी के रूप में दो ही पार्टियां हैं. एक भाजपा और दूसरी कांग्रेस. लेकिन अब लोग इस सोच से उबर गये हैं.

उन्‍होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के अलावा छह और पार्टियां हैं, जो राष्ट्रीय स्तर का दर्जा रखती हैं. उनके बीच बेहतर तालमेल हैं. लोग इस बात को मान रहे हैं. ऐसी स्थिति में भाजपा 200 सीट भी नहीं हासिल नहीं कर पायेगी. विपक्ष के नेता के बारे में पूछे जाने पर सुश्री बनर्जी ने कहा कि पहले यह सरकार विदा हो. सरकार की विदाई के बाद नेता का चुनाव होगा. भाजपा केवल भेदभाव की राजनीति करती है. वह दूसरों दलों के अलावा खुद अपनी पार्टी के अंदर के नेताओं को भी एक दूसरे से लड़ा रही है.

उन्‍होंने कहा कि भारत जैसे इस महान देश को दो लोग मिलकर तानाशाही से चला रहे हैं. यह लोकतंत्र के लिए बेहद घातक है. इससे जनता दुखी है. ममता बनर्जी ने कहा कि नोटबंदी, जीएसटी का मामला हो या फिर पेट्रोलियम पदार्थों की आकाश छूती कीमतों का, हर तरह से लोग परेशान हैं. बंगाल में आलम यह है कि यहां पर जो दो सीट भाजपा के खाते में हैं, वे भी उसके पास नहीं बचेंगी.

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लोगों को बांटने का आरोप लगाया और कहा कि वह एक तरफ मुसलमानों के बीच जा रहे हैं और कह रहे हैं कि यह समुदाय अच्छा है. यानी वह सीधे एक वर्ग को खराब बता रहे हैं. लिहाजा 31 फीसदी वोट पाकर 282 सीट पानेवाली इस भाजपा को इस बार जनता उखाड़ फेंकेगी. चुनाव के बाद तय होगा कि कौन नेता होगा और कौन चेहरा होगा.

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