कोलकाता : तीन तलाक मामले में याचिकाकर्ता इशरत जहां ने बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट द्वारा इस प्रथा को दंडनीय अपराध बनाने के लिए अध्यादेश लाने के फैसले का स्वागत किया. इशरत जहां ने कहा कि यह देश में मुस्लिम महिलाओं को सशक्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम है.
उन्होंने कहा कि मुस्लिम पुरुषों और मजहबी नेताओं को अपना रास्ता दुरुस्त करना चाहिए या अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘मैं तीन तलाक को दंडनीय अपराध बनाने के लिए अध्यादेश लाने के केंद्र के फैसले का स्वागत करती हूं. यह देश में महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. वह तीन तलाक या तलाक-ए-बिद्दत के खिलाफ याचिका दायर करनेवाली पांच याचिकाकर्ताओं में से एक हैं.
तीन तलाक की प्रथा को उच्चतम न्यायालय ने बीते साल 22 अगस्त को अवैध ठहरा दिया था. जहां को 2014 में उनके शौहर ने दुबई से फोन पर एक साथ तीन तलाक कर कर उन्हें तलाक दे दी थी. उनकी 13 साल की एक बेटी और सात साल का एक बेटा है.