चिटफंड पीड़ितों ने दी आंदोलन की चेतावनी

कोलकाता : राज्य में चिटफंड पीड़ितों को मुआवजा दिये जाने, मामले के तमाम दोषियों पर कार्रवाई करने समेत छह सूत्री मांगों को लेकर ऑल बंगाल चिटफंड सफरर्स वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से महानगर में आयोजित दो दिवसीय धरना प्रदर्शन मंगलवार को समाप्त हुआ. प्रदर्शन के अंतिम दिन सियालदह और हावड़ा स्टेशन के निकट से रैली […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 26, 2018 1:46 AM
कोलकाता : राज्य में चिटफंड पीड़ितों को मुआवजा दिये जाने, मामले के तमाम दोषियों पर कार्रवाई करने समेत छह सूत्री मांगों को लेकर ऑल बंगाल चिटफंड सफरर्स वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से महानगर में आयोजित दो दिवसीय धरना प्रदर्शन मंगलवार को समाप्त हुआ. प्रदर्शन के अंतिम दिन सियालदह और हावड़ा स्टेशन के निकट से रैली निकाली गयी जो रानी रासमणि एवेन्यू स्थित धरना स्थल पर पहुंची.
वहां आयोजित सभा के दौरान संगठन की ओर से चेतावनी दी गयी कि यदि चिटफंड पीड़ितों की मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं तो देशव्यापी आंदोलन किया जायेगा. भावी आंदोलन में राज्य सचिवालय यानी नवान्न चलो अभियान चलाया जाना और नयी दिल्ली में केंद्रीय स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जाना शामिल है.
ये बातें संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रूपम चौधरी ने कहीं. श्री चौधरी ने आरोप लगाया है कि चिटफंड कांड पीड़ितों को मुआवजा देने के लिये राज्य सरकार ने जो वायदा किया था, उसे पूरा नहीं किया गया है. कथित तौर पर पहले चरण मेें राज्य सरकार की ओर से करीब 500 करोड़ रुपये पीड़ितों को देने की घोषणा की गयी थी. इसके लिये कई उत्पादों पर अतिरिक्त कर भी लगाये गये थे. इसके बावजूद प्रारंभिक चरण में महज 139 करोड़ रुपये ही चिटफंड पीड़ितों को मिल पाये.
अन्य राज्य जैसे ओड़िशा में ऐसी स्थिति नहीं है. वहां की सरकार ने चिटफंड पीड़ितों को प्रथम चरण में 300 करोड़ रुपये देने की घोषणा की और उसे पूरा भी किया. संगठन की ओर से कहा गया कि चिटफंड कांड में सबसे ज्यादा बुरी स्थिति एजेंटों की है. हजारों एजेंट अभी भी घर छोड़ने को मजबूर हैं. आरोप के अनुसार कई एजेंटों को झूठे मामले में फंसाने की धमकी देने का सिलसिला भी जारी है. संगठन के उपाध्यक्ष मनीरूल इस्लाम ने आरोप लगाया कि चिटफंड पीड़ितों की मांगों को लेकर केंद्र व राज्य सरकार, दोनों की भूमिका उदासीन है.

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