कलाकारों ने यौनकर्मियों के दर्द को उकेरा
कोलकाता : उत्तर कोलकाता का व्यस्त इलाका और उस व्यस्त इलाके के बीच चमकती दमकती गगनचुंबी इमारतों वाली कोलकाता को मुंह चिढ़ाता एशिया का यह सबसे बड़ा और पुराना रेडलाइट एरिया सोनागाछी. सोनागाछी में दशकों से देह व्यापार में धकेल दी गयी लड़कियों की जिंदगी का दर्द गली-गली में सिमटा हुआ है. समाज की उपेक्षा […]
कोलकाता : उत्तर कोलकाता का व्यस्त इलाका और उस व्यस्त इलाके के बीच चमकती दमकती गगनचुंबी इमारतों वाली कोलकाता को मुंह चिढ़ाता एशिया का यह सबसे बड़ा और पुराना रेडलाइट एरिया सोनागाछी. सोनागाछी में दशकों से देह व्यापार में धकेल दी गयी लड़कियों की जिंदगी का दर्द गली-गली में सिमटा हुआ है.
समाज की उपेक्षा की शिकार हुई यौनकर्मियों के दर्द को उकेरा है उत्तर कोलकाता स्थित सार्वजनिन पूजा कमेटी अहिरीटोला युवक वृंद सार्वजनिन दुर्गोत्सव पूजा कमेटी ने. अहिरीटोला युवक वृंद पूजा सार्वजनिन दुर्गोत्सव पूजा कमेटी के मूल परिकल्पनाकर्ता मानस रे बताते हैं कि पूजा कमेटी इस वर्ष 48 वर्ष वार्षिकी में प्रवेश किया है. पूजा पंडाल की थीम है : उत्सारित आलो, तारो मां जात’ श्री रे बताते हैं कि यौनकर्मी भी समाज का अंग हैं और समाज की अवहेलना की शिकार हैं, लेकिन उन्हें खुद के लिए सपने देखने का अधिकार नहीं है और न ही उनके बच्चों का कोई सम्मान है,
हालांकि उनके बच्चों का कोई अपराध नहीं है, लेकिन समाज की अवहेलना का शिकार वे भी होते हैं. श्री रे ने कहा कि पूजा पंडाल के माध्यम से समाज में नारी शोषण के दृश्यों को उकेरा गया है. इसके लिए स्थापत्य कला का सहारा लिया गया है. महिलाओं के शोषण को उन कलाकृतियों के माध्यम से उकेरा गया है.