केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल के लिए अब नहीं देनी होगी अग्रिम राशि, पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में फैसला , 30 मुद्दों पर की गयी चर्चा, जिनमें 26 मुद्दों का हुआ समाधान

कोलकाता : अब से राज्यों को अर्द्धसैनिक बल के लिए अग्रिम राशि नहीं देनी होगी. सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक हुई. बैठक में पूर्वी भारत के चार राज्य पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार व ओड़िशा से संबंधित 30 मुद्दों पर चर्चा की गयी, जिसमें से 26 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 2, 2018 5:44 AM
कोलकाता : अब से राज्यों को अर्द्धसैनिक बल के लिए अग्रिम राशि नहीं देनी होगी. सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक हुई. बैठक में पूर्वी भारत के चार राज्य पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार व ओड़िशा से संबंधित 30 मुद्दों पर चर्चा की गयी, जिसमें से 26 मुद्दों का समाधान कर दिया गया.
बैठक के बाद अंतर्राज्यीय परिषद सचिवालय के सचिव आर बहरिल ने बताया कि बैठक में तय किया गया है कि अब से राज्यों को अर्द्ध सैनिक बल के लिए अग्रिम राशि नहीं देनी होगी. अर्द्धसैनिक बल का खर्च अब राज्य सरकार बाद में भी दे सकते हैं. इससे पहले अर्द्धसैनिक बल के लिए राज्यों को अग्रिम राशि देनी पड़ती थी.
फूलबाड़ी बांध व डीवीसी के पानी छोड़ने के मुद्दे का नहीं हो पाया समाधान : बैठक के दौरान चार मुद्दों पर अभी भी सहमति नहीं बन पायी. सूत्रों के अनुसार, फूलबाड़ी बांध को लेकर वर्ष 1978 में पश्चिम बंगाल व बिहार सरकार के बीच समझौता हुआ था, लेकिन इस बांध के मालिकाना हक को लेकर अभी भी विवाद बना हुअा है. इसके साथ ही पश्चिम बंगाल की ओर से दामाेदर घाटी निगम द्वारा राज्य सरकार को जानकारी दिये बिना पानी छोड़ने के मुद्दे को भी उठाया गया, लेकिन इस मुद्दे पर कोई ठोस सहमति नहीं बन पायी.
बांग्ला’ को जल्द अनुमति देने का आवेदन
कोलकाता. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्री से राज्य के नये नाम ‘बांग्ला’ को जल्द से जल्द अनुमति देने की मांग की, जिससे इसे जल्द से जल्द शुरू किया जा सके. वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से यहां राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लागू करने का प्रस्ताव दिया, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्री के इस प्रस्ताव पर रुचि नहीं दिखायी.
गौरतलब है कि सोमवार को राज्य सचिवालय के पास बने नवान्न सभाघर में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक के बाद केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच एकांत में लगभग 20 मिनट तक बैठक हुई. राज्य सचिवालय के सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री ने बैठक के दौरान मुख्यमंत्री से यहां एनआरसी लागू करने का प्रस्ताव दिया. हालांकि, मुख्यमंत्री ने उनके इस प्रस्ताव पर फिलहाल कोई जवाब नहीं दिया.
वहीं, बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक विशेष राजनीतिक दल पर पड़ोसी राज्यों से लोगों को लाकर यहां अशांति फैलाने का आरोप लगाया और साथ ही उन्होंने एक बार फिर पूर्ववर्ती वाममोरचा कार्यकाल के दौरान लिये गये कर्ज में राहत देने का आवेदन किया. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्री के समक्ष दामाेदर घाटी निगम द्वारा राज्य सरकार को जानकारी दिये बिना पानी छोड़ने की घटना की भी जानकारी दी.
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे राज्य को प्रत्येक वर्ष हजारों करोड़ का नुकसान होता है और हजारों किसान प्रभावित होते हैं. साथ ही मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री से डीवीसी का कार्यालय यहां से स्थानांतरित नहीं करने आग्रह किया. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री से जंगलमहल सहित राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में केंद्रीय सुरक्षा बल तैनात करने की मांग की. सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्री ने उनके प्रस्ताव पर विचार करने का आश्वासन दिया है.
बंगाल दौरे के मद्देनजर गृहमंत्री ने बांग्ला में लिखा नाम
कोलकाता. देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह अपने दो दिवसीय पश्चिम बंगाल दौरे पर आये हुए थे और उन्होंने ट्वीट कर यह बताया था कि कोलकाता में वे पूर्वी जोनल काउंसिल की बैठक में हिस्सा लेने के लिए कोलकाता पहुंचे हैं. सोमवार को कोलकाता में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पश्चिम बंगाल राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से विभिन्न मुद्दों पर बातचीत भी की है, लेकिन इस बीच गौर करने वाली बात यह है कि अपने बंगाल दौरे को ध्यान में रखते हुए गृहमंत्री ने एक बड़ा कदम उठाया है.
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने ट्विटर एकाउंट पर नाम बांग्ला भाषा में चेंज कर दिया. आपको बता दें कि फिलहाल राजनाथ सिंह के ट्विटर हैंडल पर उनका नाम बांग्ला भाषा में नजर आ रहा है. इसके अलावा एक और बदलाव जो नजर आ रहा है वह यह है कि पिछले कुछ ट्वीट जहां उन्होंने लगातार हिंदी में किये थे.
वहीं कोलकाता से किये गये दोनों ट्वीट उन्होंने अंग्रेजी भाषा में किये हैं. गौरतलब है कि पीएम मोदी द्वारा अपनी यात्राओं के दौरान स्थानीय भाषाओं के काफी इस्तेमाल के बाद कई नेता अपने भाषणों की शुरुआत स्थानीय भाषा में करते नजर आये थे, लेकिन यह पहली बार है जब राजनाथ सिंह ने अपने दौरे पर ऐसा कदम उठाया हो.

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