आगजनी से अस्पताल की सेवा प्रभावित, अस्पताल में अग्निशमन व्यवस्था का अभाव
कोलकाता : कलकत्ता मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में आगजनी के कारण अस्पताल की परिसेवा पर व्यापक असर पड़ा. 2000 बेड क्षमतावाले इस अस्पताल के हेमाटोलॉजी व कार्डियोलॉजी विभाग की आउडोर सेवा ठप रही है.सूत्रों के अनुसार अस्पताल में अग्निशमन पुख्ता व्यवस्था नहीं है. अस्पताल में कई जगहों पर फायर इक्स्टिंगविशर की मियाद भी खत्म हो […]
कोलकाता : कलकत्ता मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में आगजनी के कारण अस्पताल की परिसेवा पर व्यापक असर पड़ा. 2000 बेड क्षमतावाले इस अस्पताल के हेमाटोलॉजी व कार्डियोलॉजी विभाग की आउडोर सेवा ठप रही है.सूत्रों के अनुसार अस्पताल में अग्निशमन पुख्ता व्यवस्था नहीं है.
अस्पताल में कई जगहों पर फायर इक्स्टिंगविशर की मियाद भी खत्म हो चुकी है. वहीं, आग की घटना के बाद अस्पताल के जूनियर डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मी एक साथ मिल कर राहत व बचाव कार्य में जुटे, जिससे सभी मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सका. वहीं, कुछ मरीज भयभीत होकर अस्पताल से छुट्टी लिये बगैर घर लौट गये.
इस संबंध में अस्पताल के इएनटी विभाग में कार्यरत एक जूनियर डॉक्टर ने बताया कि लगभग 7.30 बजे अस्पताल के फार्मेसी विभाग से धुआं निकलते देख अफरातफरी मच गयी. कुछ मरीज तो खुद पैदल चल कर एमसीएच बिल्डिंग से बाहर निकलने.
वहीं, अस्पताल के जूनियर डॉक्टर अस्पतालकर्मी तथा परिजनों के साथ मिल कर राहत बचाव कार्य किया. करीब 253 से 300 मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाला गया.
मरीजों को इन विभाग में किया गया था शिफ्ट :
उन्होंने बताया कि आइसीयू विभाग में भर्ती मरीजों को इजरा बिल्डिंग के मनोचिकित्सा विभाग में ऑक्सीजन पर रखा गया. वहीं, हेमाटोलॉजी विभाग के मरीजों को इस बिल्डिंग के ही प्रथम तल पर स्थित इएनटी विभाग में शिफ्ट कर दिया गया. वहीं, जनरल मेडिसिन में भर्ती कुछ मरीजों को इमरजेंसी विभाग में भेज दिया गया तथा हेमाटोलॉजी विभाग के कुछ गंभीर रूप से बीमार मरीजों को चेस्ट मेडिसिन विभाग में शिफ्ट किया गया है.
कार्डियोलॉजी से शिफ्ट किये गये 57 मरीज :
कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो डॉ शांतनु गुहा ने बताया कि घटना के दौरान विभाग में करीब 57 मरीज थे. सभी इमरजेंसी विभाग में शिफ्ट कर दिया गया था. इनमें से कुछ ऐसे भी मरीज थे, जो एंजियोप्लास्टी व पेसमेकर करा चुके हैं.