कोलकाता : नेशनल लाइब्रेरी में विहिप की सभा को लेकर हंगामा
सभा में विहिप के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेंट की गयी तलवार कोलकाता : महानगर स्थित नेशनल लाइब्रेरी में विश्व हिंदू परिषद की ओर से आयोजित नागरिक सम्मेलन में खूब हंगामा हुआ और पुलिस ने मौके पर पहुंच कर हालात को काबू में किया. जिस वक्त नेशनल लाइब्रेरी के सभागार में नागरिक सम्मेलन हो रहा था, […]
सभा में विहिप के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेंट की गयी तलवार
कोलकाता : महानगर स्थित नेशनल लाइब्रेरी में विश्व हिंदू परिषद की ओर से आयोजित नागरिक सम्मेलन में खूब हंगामा हुआ और पुलिस ने मौके पर पहुंच कर हालात को काबू में किया.
जिस वक्त नेशनल लाइब्रेरी के सभागार में नागरिक सम्मेलन हो रहा था, उस समय एसयूसीआइ के छात्र संगठन आॅल इंडिया डीएसओ और फॉरवर्ड ब्लाॅक के युवा संगठन युवा लीग के अलावा कांग्रेस के छात्र संगठन छात्र परिषद के कार्यकर्ता एक नंबर गेट के सामने हंगामा करने लगे. हंगामे को देखते हुए पुलिस ने हस्तक्षेप करते हुए सभा के दौरान एक नंबर गेट को बंद कर दिया. ऐसी स्थिति में अंदर सभा चलती रही और बाहर हंगामा और नारेबाजी होती रही.
सभा के दौरान विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे को सम्मानित व नागरिक अभिनंदन हुआ. उन्हें आयोजकों ने तलवार और पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया. इस सभा का विरोध करनेवालों की मांग थी कि एक सांप्रदायिक संगठन को नेशनल लाइब्रेरी जैसी सम्मानित जगह का इस्तेमाल क्यों करने दिया जा रहा है.
उन लोगों की मांग थी कि विभाजन की राजनीति करनेवाले को इस जगह का इस्तेमाल करने की अनुमति देने का मतलब है, उनके आदर्शों को बढ़ावा देना. युवा लीग की ओर से मोहम्मद सिद्दिकी ने कहा कि नेशनल लाइब्रेरी एक एतिहासिक जगह है. यहां पर शैक्षणिक कार्यक्रम और सभा होनी चाहिए. लेकिन सांप्रदायिक संगठन विहिप को इसके इस्तेमाल की इजाजत नहीं दी जा सकती है. इसके खिलाफ इन लोगों ने लाइब्रेरी के निदेशक को ज्ञापन भी दिया है.
वहीं, विरोध प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय सचिव अमिय सरकार ने कहा कि राष्ट्रवाद क्या होता है, यह प्रदर्शन और हंगामा करनेवालों को पता नहीं है. इन्हें उचित शिक्षा दी जा सकती थी. हमारी सभा चल रही थी, इसलिए हमलोग उस रास्ते पर नहीं गये. हमलोगों की सभा तय समय पर तय जगह पर ही हुई. हाॅल में हम सभी को जगह नहीं दे पाये. हंगामे के कारण कई समर्थक सभा में शामिल नहीं हो पाये.
कोलकाता : महालया को बंगाल में आरएसएस का होगा व्यापक रूट मार्च
कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस की कोर कमेटी की बैठक के बाद आरएसएस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि वह अब तक इसे सामाजिक संगठन के रूप में जानती थीं, लेकिन हाल के दिनों में इसकी भूमिका देखकर कहा जा सकता है कि यह भाजपा की तरह राजनीतिक दल की तरह काम कर रही है.
संघ ने इस बयान को गंभीरता से लेते हुए महालया के दिन हर साल होनेवाले रूट मार्च कार्यक्रम को इस बार व्यापक स्तर पर करने का निर्णय लिया है. संघ से मिली जानकारी के अनुसार संघ की पोशाक में 20 हजार स्वयंसेवक पश्चिम बंगाल के कोने-कोने से रूट मार्च करेंगे. उनके साथ सामान्य वेश में भी स्वयंसेवक रहेंगे. इस रूट मार्च को निकालने के पीछे इसका मकसद होगा संघ को बदनाम करने की कोशिश कर रहीं ताकतों के खिलाफ लोगों को जागरूक करना.
गौरतलब है कि दड़ीभीट हाइस्कूल में हुए हंगामे में दो छात्रों की मौत की घटना के बाद राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा था कि इसे आरएसएस ने अंजाम दिया है. इस बयान के खिलाफ संघ ने पार्थ चटर्जी को कानूनी नोटिस भेजा है. इसके अलावा नागेरबाजार ब्लास्ट में खाद्यमंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने इसके लिए संघ पर आरोप लगाया था. संघ के दक्षिण बंगाल प्रांत के प्रवक्ता जिष्णु बसु के मुताबिक रूट मार्च में 40 मिनट में 3.5 किलोमीटर का सफर तय करना होता है. इस बार हम बंगाल के कोने-कोने में रूट मार्च करेंगे. रूट मार्च में संघ का बैंड भी शामिल रहेगा.