अब ऑनलाइन खरीदारी करेगी राज्य सरकार, ठेकेदारी प्रथा पर अंकुश लगाने की पहल

कोलकाता : राज्य सरकार ने ठेकेदारी प्रथा पर अंकुश लगाने व विभिन्न विभागों द्वारा उत्पादों की खरीदारी की प्रक्रिया पर पारदर्शिता लाने के लिए नयी पहल करने का फैसला किया है. अब विभागों को कोई भी जरूरी सामान खरीदने के लिए निविदा और कोटेशन के झंझट में पड़ने की बजाय ऑनलाइन खरीदारी करने का सुझाव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 9, 2018 4:06 AM
कोलकाता : राज्य सरकार ने ठेकेदारी प्रथा पर अंकुश लगाने व विभिन्न विभागों द्वारा उत्पादों की खरीदारी की प्रक्रिया पर पारदर्शिता लाने के लिए नयी पहल करने का फैसला किया है. अब विभागों को कोई भी जरूरी सामान खरीदने के लिए निविदा और कोटेशन के झंझट में पड़ने की बजाय ऑनलाइन खरीदारी करने का सुझाव दिया गया है. जानकारी के अनुसार, विभागीय शीर्ष अधिकारी विपणन पोर्टल के माध्यम से खरीदारी कर सकेंगे.
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने हाल ही में गवर्नमेन्ट इ-मार्केट प्लेस के नाम से एक पोर्टल तैयार किया है. वित्त विभाग के एक अधिकारी के अनुसार केंद्र सरकार के उक्त पोर्टल की तर्ज पर राज्य सरकार ने भी अपना अलग पोर्टल तैयार किया है. इसके माध्यम से राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में आवश्यक सामानों की खरीदारी की जा सकेगी.
वित्त विभाग के उक्त अधिकारी ने बताया कि इ-गवर्नेंस में अव्वल रही पश्चिम बंगाल सरकार पोर्टल के माध्यम से खरीदारी को तवज्जो दे रही है. राज्य के वित्त मंत्री डॉ. अमित मित्रा के निर्देश विभाग ने प्रयोग के तौर पर कुछ सामानों की ऑनलाइन खरीदारी की है. प्रयोग सफल होने पर इसे राज्य के समस्त विभागों में लागू कर दिया जायेगा.
अधिकारियों को दिया गया विशेष प्रशिक्षण
राज्य के वित्त सचिव एचके द्विवेदी के अनुसार, समस्त विभागों के लिए सामानों की खरीदारी से संबंधित पोर्टल को हैण्डल करने का प्रशिक्षण का काम चल रहा है. राज्य सरकार के सभी 45 विभागों में सचिव और उप सचिव स्तर के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. वित्त विभाग ने ऑनलाइन खरीदारी के लिए करीब डेढ़ लाख सर्विस प्रोवाइडरों का पंजीकरण किया है, जो विभागों की ओर से मांगे जाने पर सामान उपलब्ध कराएगा.
ऑनलाइन खरीदारी किए सामानों की डिलेवरी होने के 10 दिनों बाद उसका भुगतान करने का प्रावधान होगा. वित्त विभाग के अधिकारी मानते हैं कि ऑनलाइन खरीदारी से एक तरफ मनमानी खर्चे से बचा जाएगा, वहीं सरकारी धन का दुरूपयोग रोकने में मदद मिलेगी.

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