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बंगाल में बेहद प्रचंड चक्रवाती तूफान ‘तितली’ का खतरा टला, पर हो सकती है भारी बारिश

भुवनेश्वर/कोलकाता : बेहद प्रचंड चक्रवाती तूफान ‘तितली’ ने ओड़िशा के गोपालपुर कस्बे और आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में गुरुवार की सुबह साढ़े चार से पांच बजे के बीच में दस्तक दी. 165 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं और भारी बारिश हुई, जिसके कारण दोनों राज्यों में भारी तबाही मची है. आंध्र […]

भुवनेश्वर/कोलकाता : बेहद प्रचंड चक्रवाती तूफान ‘तितली’ ने ओड़िशा के गोपालपुर कस्बे और आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में गुरुवार की सुबह साढ़े चार से पांच बजे के बीच में दस्तक दी. 165 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं और भारी बारिश हुई, जिसके कारण दोनों राज्यों में भारी तबाही मची है. आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में आठ लोगों की मौत हो गयी, जबकि ओड़िशा के आठ जिलों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई.
इसके चलते काफी संख्या में पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गये. कई झोपड़ियां क्षतिग्रस्त हो गयीं और हजारों घरों की बिजली गुल हो गयीं. टेलीफोन संपर्क टूट गया. दोनों राज्यों में ट्रेन सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं. झारखंड और बिहार में तूफान का असर दिखा. पश्चिम बंगाल में हालांकि ज्यादा असर नहीं पड़ा है. लेकिन राज्य के दक्षिणी जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है.
अधिकारियों ने बताया कि यह तूफान अब पश्चिम बंगाल के गंगा से लगे हिस्सों की तरफ मुड़ सकता है. मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि यह तूफान गुरुवार शाम तक उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ गया और फिर इसके वहां से इसकी दिशा कुछ बदलकर गंगा से लगे पश्चिम बंगाल के हिस्से की तरफ बढ़ने तथा फिर शुक्रवार सुबह तक धीरे-धीरे कमजोर पड़ने की संभावना है.
रेलवे पटरियों और बिजली की तारों को कोई बड़ा नुकसान ना पहुंचने के कारण दक्षिण पूर्वी रेलवे ने कहा कि वह सामान्य मार्ग पर दक्षिण भारत में अलग-अलग स्थानों पर अपनी सेवाओं का संचालन करेगा. एसइआर के प्रवक्ता संजय घोष ने कहा कि पूर्वी तटीय रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार तटीय सेक्शन में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है. अत: खड़गपुर-खुर्दा रोड-विजयनगरम से होते हुए सामान्य मार्ग पर ट्रेनें चलेंगी.
मौसम विभाग ने कहा कि चक्रवात ‘तितली’ आंध्र प्रदेश में पलासा के समीप गोपालपुर के दक्षिण-पश्चिम तट पर सुबह साढ़े चार और साढ़े पांच बजे के बीच पहुंचा. जमीन पर दस्तक देने के बाद तूफान के धीरे-धीरे उत्तर-पूर्व में ओड़िशा को पार करके गंगा से लगे पश्चिम बंगाल के हिस्से की तरफ बढ़ने और फिर धीरे-धीरे कमजोर पड़ने की संभावना है.
आंध्र प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि चक्रवात से सामान्य जनजीवन ठप हो गया. इसने श्रीकाकुलम और विजयनगरम में भारी तबाही मचायी. श्रीकाकुलम जिले में सड़क नेटवर्क को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है. तेज हवाएं चलने से 2,000 से ज्यादा बिजली के खंभे उखड़ गये. श्रीकाकुलम में 4,319 गांवों और छह शहरों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई है. पेड़ों के उखड़ने से चेन्नई-कोलकाता राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात भी बाधित हुआ. नारियल, केले और आम के पेड़ों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है.
भारत ने 20 साल में गंवाये 79.5 अरब डॉलर
संयुक्त राष्ट्र. जलवायु परिवर्तन के चलते पिछले 20 साल में आयी प्राकृतिक आपदाओं से भारत को 79.5 अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 1998 से 2017 के बीच आने वाली प्राकृतिक आपदाओं से सीधे होने वाले आर्थिक नुकसान में 151 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी है.
इस दौरान वैश्विक अर्थव्यवस्था को 2,908 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है. इसमें अमेरिका को 944.8 अरब डॉलर, चीन को 492.2 अरब डॉलर, जापान को 376.3 अरब डॉलर, भारत को 79.5 अरब डॉलर, प्यूर्तो रिको को 71.7 अरब डॉलर, फ्रांस को 48.3 अरब डॉलर, जर्मनी को 57.9 अरब डॉलर और इटली को 56.6 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है.
कई ट्रेनें रद्द, कुछ का मार्ग बदला गया
तितली का कहर देखते हुए दक्षिण पूर्व रेलवे की कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है. 06057 सांतरागाछी-चेन्नई स्पेशल ट्रेन को 11 अक्तूबर को रद्द किया गया, जबकि 12841 हावड़ा-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस और 12863 हावड़ा-यशवंतपुर एक्सप्रेस 12 अक्तूबर को रद्द रहेगी. 11 अक्तूबर को रात 11.45 बजे हावड़ा स्टेशन से रवाना होनेवाली 12839 हावड़ा-चेन्नई मेल के समय में परिवर्तन किया गया.
यह ट्रेन अब 12 अक्तूबर को सुबह आठ बजे हावड़ा स्टेशन से रवाना होगी. ओड़िशा और दक्षिण भारत के राज्यों में फंसे यात्रियों की सुविधा के लिए दक्षिण पूर्व रेलवे ने 02773 स्पेशल ट्रेन हावड़ा से सिकंदराबाद के मध्य चलाने की घोषणा की है. स्पेशल ट्रेन हावड़ा स्टेशन से दोपहर 2.50 बजे रवाना होगी.
वैज्ञानिक बोले- हिंद महासागर में एक साथ दो तूफानों का डेरा दुर्लभ
मौसम विभाग के वैज्ञानिकों का मानना है कि हिंद महासागर में एक समान गति से एक साथ दो चक्रवाती तूफानों की सक्रियता मौसम संबंधी गतिविधियों के लिहाज से दुर्लभ कही जा सकती है.
भारत में फिलहाल सिर्फ ‘तितली’ का असर रहा. दूसरा तूफान लूबन अभी भारतीय तट से लगभग 500 किमी दूर यमन क्षेत्र में मौजूद है. यह भारत के बजाय उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ रहा है. इसके बावजूद समुद्री क्षेत्र में लूबन की अगले चार दिनों तक सक्रियता को देखते हुए इस पर लगातार निगरानी रखी जा रही है.

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