दक्षिण भारत का चर्चित मंदिर दिखेगा आद्रा शहर में
आद्रा : पिछले दो दिनों से लगातार हुई बारिश के कारण अधिकांश पूजा कमेटियां चिंतित हैं. आद्रा में बंगाली समिति दुर्गा पूजा काफी महत्वपूर्ण है. वर्ष 1919 से इसकी शुरूआत हुई थी. इस वर्ष 99 वर्ष पूरे हो रहे हैं. आद्रा बंगाली समिति सार्वजनिक दुर्गा पूजा कमेटी को आद्रा का मिलन मेला भी कहा जाता […]
आद्रा : पिछले दो दिनों से लगातार हुई बारिश के कारण अधिकांश पूजा कमेटियां चिंतित हैं. आद्रा में बंगाली समिति दुर्गा पूजा काफी महत्वपूर्ण है. वर्ष 1919 से इसकी शुरूआत हुई थी. इस वर्ष 99 वर्ष पूरे हो रहे हैं. आद्रा बंगाली समिति सार्वजनिक दुर्गा पूजा कमेटी को आद्रा का मिलन मेला भी कहा जाता है. पूजा कमेटी के पूरे परिसर में मेला लगता है.
दुर्गा पूजा से एक दिन पहले ही श्रद्धालु पहुंचना आरंभ कर देते हैं और पूजा की लगातार छह दिन सभी यहां मिल कर पूजा का आनंद लेते हैं. आयोजकों ने पूजा मंडप को दक्षिण भारत के एक मंदिर का रूप दिया है. तीन लाख की लागत से मंडप सज रहा है. मूर्ति को भी भव्य रूप दिया गया है.
कमेटी के अध्यक्ष तपन बनर्जी, सचिव प्रसनजीत राय, देवाशीष मिश्रा, प्रसनजीत कर्मकार आदि ने बताया कि पूजा का इतिहास जुड़ा हुआ है. काशीपुर राजवंश के बाद आद्रा शहर के साथ-साथ आसपास के इलाके में यह पूजा ही सबसे प्राचीन पूजा है. एक समय विजयदशमी के दिन काशीपुर के राजा हाथी में सवार होकर यहां पूजा देखने आते थे.