दुर्गापूजा समितियों को 28 करोड़ देने के निर्णय पर रोक से किया इनकार, सुप्रीम कोर्ट में मिली राज्य सरकार को जीत

कोलकाता/नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में 28,000 दुर्गापूजा समितियों को 28 करोड़ रुपये देने के राज्य सरकार के निर्णय पर रोक लगाने से शुक्रवार को इनकार कर दिया. न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ इस सवाल पर विचार के लिए तैयार हो गयी कि क्या राज्य अपने विवेकाधिकार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 13, 2018 5:28 AM
कोलकाता/नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में 28,000 दुर्गापूजा समितियों को 28 करोड़ रुपये देने के राज्य सरकार के निर्णय पर रोक लगाने से शुक्रवार को इनकार कर दिया. न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ इस सवाल पर विचार के लिए तैयार हो गयी कि क्या राज्य अपने विवेकाधिकार का इस्तेमाल करके धार्मिक गतिविधियों के लिए पूजा समितियों या क्लब को धन दे सकती है. पीठ ने इस संबंध में ममता बनर्जी सरकार को नोटिस जारी कर उससे छह सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है.
पीठ ने अपने आदेश में कहा कि नोटिस जारी किया जाये. राज्य सरकार के वकील ने न्यायालय में ही नोटिस स्वीकार किया. नोटिस का जवाब छह सप्ताह में देना है और इस बीच कोई रोक नहीं होगी. पीठ ने कहा कि इस धन का वितरण राज्य पुलिस के माध्यम से पूजा समितियों में किया जायेगा.
  • 28,000 दुर्गापूजा समितियों को 10-10 हजार देने का राज्य सरकार का निर्णय
  • अपने विवेकाधिकार का इस्तेमाल कर क्लबों को धन देने के सवाल पर कोर्ट की पीठ विचार करने को तैयार
  • पीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर छह सप्ताह के अंदर मांगा जवाब
  • हाइकोर्ट ने किया था सरकार के फैसले पर हस्तक्षेप से इनकार
याचिकाकर्ता सौरभ दत्ता के वकील ने राज्य सरकार के फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुए कहा था कि यह संविधान के बुनियादी ढांचे और पंथनिरपेक्षता के सिद्धांत के विरूद्ध है और सरकार की यह कार्रवाई चौंकानेवाली है तथा यह सांप्रदायिक भावनाओं को बढ़ावा दे सकती है. इससे पहले, सुनवाई शुरू होते ही पीठ ने राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से जानना चाहा कि सरकार इस तरह का उपहार कैसे दे सकती है.
सिब्बल ने कह कि राज्य सरकार ने पूजा समितियों को सीधे कोई धन नहीं दिया है और यह राशि पुलिस के माध्यम से पूजा आयोजकों को सामुदायिक व्यवस्था के लिए वितरित की गयी है. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि राज्य सरकार बगैर किसी दिशानिर्देश के कैसे इतना धन दे सकती है. इससे पहले, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 10 अक्तूबर को 28,000 पूजा समितियों को 10-10 हजार रुपये देने के सरकार के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था.

Next Article

Exit mobile version