कोलकाता : महीने भर से भर्ती मरीज की डेंगू से मौत

परिवार ने अस्पताल पर लगाया लापरवाही बरतने का आरोप कोलकाता : मुकुंदपुर के एक निजी अस्पताल में डेंगू से एक महिला की मौत को लेकर चिकित्सा में लापरवाही का आरोप लगा है. उत्तर 24 परगना के सोदपुर की मउ दत्ता (43) पिछले एक महीने से अस्पताल में भर्ती थीं. उन्हें आइसोलेशन वार्ड में रखा गया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 14, 2018 9:49 AM
परिवार ने अस्पताल पर लगाया लापरवाही बरतने का आरोप
कोलकाता : मुकुंदपुर के एक निजी अस्पताल में डेंगू से एक महिला की मौत को लेकर चिकित्सा में लापरवाही का आरोप लगा है. उत्तर 24 परगना के सोदपुर की मउ दत्ता (43) पिछले एक महीने से अस्पताल में भर्ती थीं. उन्हें आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था. इसके बावजूद डेंगू ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया. शुक्रवार सुबह उनकी मौत हो गयी.
जानकारी के अनुसार, बोन मेरो ट्रांसप्लांट के लिए 12 सितंबर को उन्हें भर्ती कराया गया था. ट्रांसप्लांट से पहले मरीज की जांच प्रक्रिया चल रही थी. इस दौरान 10 अक्तूबर को वह डेंगू की चपेट में आ गयीं. शुक्रवार सुबह 5:55 बजे उनकी मौत हो गयी. मोउ की मौत से परिवारवाले हैरत में हैं. उनका कहना है कि मोउ को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था. भला वहां कैसे उन्हें डेंगू हो गया. मोउ के पति एस दत्ता वकील हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल की लापरवाही के कारण उनकी पत्नी की मौत हुई है. आठ अक्तूबर को उनकी पत्नी की रक्त जांच की गयी थी. चिकित्सा के दौरान मउ को रक्त चढ़ाया गया था. इसका मतलब यह है कि मउ को संक्रमित खून चढ़ाया गया. उन्होंने कहा कि वह पूरे मामले की शिकायत राज्य स्वास्थ्य विभाग में करेंगे.
जरूरत पड़ने पर अस्पताल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी करेंगे, ताकि इस तरह से दूसरे मरीज की मौत न हो. उधर, अस्पताल की ओर से जारी डेथ सर्टिफिकेट पर डेंगू शॉक सिंड्रोम को मौत का मुख्य कारण बताया गया है. गौरतलब है कि किसी व्यक्ति द्वारा रक्तदान किये जाने के बाद इसकी जांच की जाती है. इस दौरान हेपेटाइटिस बी-सी , मलेरिया, डेंगू , एचआइवी आदि जांच की जाती है. सूत्रों के अनुसार, इन दिनों जगह-जगह धड़ल्ले से रक्तदान शिविर लगाया जाता है. हो सकता है इन जगहों पर रक्त की गु‍णवत्ता की सही जांच नहीं हो रही हो.
क्या कहना है अस्पताल का
इस मामले में अस्पताल प्रबंधन की ओर से जारी प्रेस विज्ञाप्ति में कहा गया है कि महिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में डेंगू की चपेट में नहीं आ सकतीं.
क्योंकि इस वार्ड में संक्रमण मुक्त रखने के लिए कई तरह के उपकण लगाये जाते हैं. इस वातावरण में मच्छर प्रवेश नहीं कर सकते. अस्पताल के चिकित्सकों का मानना है कि संक्रमित रक्त चढ़ाये जाने के कारण ही मरीज की मौत हुई है. अस्पताल का अपना ब्लड बैंक नहीं है.
रक्त के लिए अस्पताल को शहर के दूसरे ब्लड बैंक पर निर्भर रहना पड़ता है. चिकित्सकों का कहना है कि मरीज का बोन मेरो ट्रांसप्लांट होना था. इसलिए उसे कई बार रक्त चढ़ाया गया था. मउ को डेंगू होने का यही कारण हो सकता है.

Next Article

Exit mobile version