कोलकाता का टैक्सी ड्राइवर बना लखपति, केबीसी में जीते 25 लाख, दो नवंबर को होगा प्रसारण
कोलकाता : कोलकाता के 70 वर्षीय टैक्सी ड्राइवर गाजी जलालुद्दीन लखपति बन गये हैं. पिछले 38 वर्षों से कोलकाता की सड़कों पर टैक्सी दौड़ा रहे गाजी जलालुद्दीन ने कौन बनेगा करोड़पति यानी केबीसी में गाजी ने 25 लाख रुपये जीते हैं. कार्यक्रम का प्रसारण दो नवंबर को होगा. उनके साथ बॉलीवुड के सुपर स्टार अमीर […]
कोलकाता : कोलकाता के 70 वर्षीय टैक्सी ड्राइवर गाजी जलालुद्दीन लखपति बन गये हैं. पिछले 38 वर्षों से कोलकाता की सड़कों पर टैक्सी दौड़ा रहे गाजी जलालुद्दीन ने कौन बनेगा करोड़पति यानी केबीसी में गाजी ने 25 लाख रुपये जीते हैं. कार्यक्रम का प्रसारण दो नवंबर को होगा. उनके साथ बॉलीवुड के सुपर स्टार अमीर खान भी केबीसी के मंच पर उनकी मदद करते नजर आयेंगे.
गाजी का कहना है कि जीती हुई रकम से वह जरूरतमंद बच्चों के लिए नि:शुल्क कॉलेज खोलेंगे. गाजी फिलहाल टैक्सी चलाने के अलावा पश्चिम बंगाल के सुंदरवन इलाके में गरीब बच्चों के लिए दो नि:शुल्क स्कूल चलाते हैं और उन्होंने एक अनाथालय भी खोला है. गाजी ने बताया कि उन्हें रमजान के समय केबीसी से फोन आया था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया था, क्योंकि उन्हें पढ़ने-लिखने नहीं आता है और वह सवालों का जवाब कैसे दे पायेंगे, लेकिन जब उन्हें बताया गया कि बॉलीवुड अभिनेता अमीर खान भी उनकी मदद के लिए रहेंगे, तो वह केबीसी में जाने के लिए राजी हो गये.
वह पिछले 24 अक्तूबर को पत्नी तसलीमा बीबी, छोटे बेटे इसराफिल गाजी और एक परिचित के साथ मुंबई गये थे. अगले दिन एपिसोड की शूटिंग हुई और 26 को मैं कोलकाता लौट आये. उनके कार्यक्रम का प्रसारण दो नवंबर को होगा. उल्लेखनीय है कि केबीसी में विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देनेेवाले लोगों का प्रत्येक शुक्रवार को विशेष कार्यक्रम ‘केबीसी कर्मवीर’ का प्रसारण होता है. उसी कार्यक्रम के तहत गाजी को आमंत्रित किया गया था.
सुंदरवन में खोलेंगे नि:शुल्क कॉलेज
गाजी केबीसी से मिली धनराशि से सुंदरवन में गरीब छात्र-छात्राओं के लिए नि:शुल्क कॉलेज खोलना चाहते हैं. उन्होंने कहा : सुंदरवन के बच्चों को कॉलेज की पढ़ाई के लिए दूर-दूर जाना पड़ता है. मैं चाहता हूं कि वे अपने इलाके में रहकर ही पढ़ सकें, वो भी बिना किसी खर्च के.
संघर्ष भरा रहा है जीवन
गाजी महज सात साल की उम्र में परिवार के साथ पेट पालने कोलकाता आ गये थे. उनका बचपन फुटपाथ पर ही बीता. 14 साल की उम्र में उन्होंने हाथ रिक्शा खींचा. उन्होंने बताया कि जब बड़ा हुआ तो टैक्सी चलाना सीख लिया, लेकिन साथ ही 500 से अधिक नौजवानों को टैक्सी चलाने का नि:शुल्क प्रशिक्षण भी दिया. इसके लिए सुंदरवन ड्राइविंग समिति की शुरुआत की. 1998 में गाजी ने सुंदरवन में पहला स्कूल खोला. इसके कुछ साल बाद दूसरा 2015 में उन्होंने सुंदरवन आर्फनेज मिशन की शुरुआत की और अनाथालय खोला और वे बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दे रहे हैं और साथ में टैक्सी भी चलाते हैं.
प्रभात खबर में प्रकाशित हुई थी गाजी के संघर्ष की कहानी
प्रभात खबर कोलकाता में गाजी के संघर्षमय जीवन की कहानी प्रकाशित हुई थी. पाठकों ने उनकी उपलब्धियों को सराहा था. पाठकों का कहना था कि गाजी का जीवन प्रेरणादायक है तथा इससे यह सीख मिलती है कि किसी भी परिस्थिति में यदि जज्बा हो, तो समाज कल्याण के लिए कार्य किया ही जा सकता है.
टैक्सी यूनियन नेता ने गाजी को दी शुभकामनाएं
एटक समर्थित कोलकाता टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन के संयोजक नवल किशोर श्रीवास्तव ने टैक्सी ड्राइवर गाजी जलालुद्दीन के केबीसी के कौन बनेगा करोड़पति में 25 लाख रुपये की धनराशि जीतने पर शुभकामना देते हुए कहा कि वे टैक्सी ड्राइवरों के लिए आदर्श हैं तथा उनके कार्यों से देश व समाज को प्रेरणा मिलती है और टैक्सी व्यवसाय से जुड़े लोगों को उनके कार्य से उत्साह मिलता है.