मिशन 2019 : लोस चुनाव के लिए प्रदेश भाजपा ने शुरू की तैयारी, मुकुल की रणनीति से परेशान पार्टी के कई नेता

कोलकाता : ममता बनर्जी का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थामनेवाले मुकुल राय अब लोकसभा चुनाव की तैयारियों में पूरी तरह से जुट गये हैं. इसके लिए वह प्रदेश भाजपा के सभी स्तरों पर बदलाव कर रहे हैं. ऐसे में खुद उनकी ही पार्टी के कई नेताओं को उनकी रणनीति से परेशानी होने लगी है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 12, 2018 3:25 AM
कोलकाता : ममता बनर्जी का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थामनेवाले मुकुल राय अब लोकसभा चुनाव की तैयारियों में पूरी तरह से जुट गये हैं. इसके लिए वह प्रदेश भाजपा के सभी स्तरों पर बदलाव कर रहे हैं. ऐसे में खुद उनकी ही पार्टी के कई नेताओं को उनकी रणनीति से परेशानी होने लगी है. ऐसे नेता अब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष को अपनी शिकायतें करने लगे हैं. ऐसी स्थिति में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष और मुकुल राय के बीच मतभेद की खबरें फिर सुर्खियों में आ रही हैं.
बताया जाता है कि पहला विवाद उस वक्त शुरू हुआ, जब मुकुल द्वारा उनके घर वार रूम बनाये जाने की जब खबर आयी थी. उस पर तो विवाद हुआ ही था. अब मुकुल राय ने प्रत्येक जिले में अलग से चुनाव कमेटी बनाने की शुरुआत कर दी है. इससे पुराने भाजपाई बेहद खफा हैं. उनके मुताबिक यह प्रक्रिया पार्टी की रीति से अलग है.
नाम नहीं छापने की शर्त पर दिलीप घोष के करीबी कई नेताओं ने कहा कि मुकुल राय ने बिना पार्टी की अनुमति के ही जिला और ब्लॉक स्तर पर चुनाव कमेटी बनाने का निर्णय लिया है. यह पूरी तरह से उनका निजी फैसला है, जबकि भाजपा के अंदर सामूहिक निर्णय लेने की परंपरा है. मुकुल राय प्रत्येक लोकसभा केंद्र में चुनाव संबंधी आवश्यक आंकड़ा संग्रह कर रहे हैं, जबकि दिलीप घोष का कहना है कि यह सारा काम पहले ही किया जा चुका है.
भाजपा की केंद्रीय टीम ने राज्य के सभी लोकसभा केंद्रों का विस्तृत आंकड़ा पहले ही तैयार किया था.उनके करीबियों के मुताबिक मुकुल राय को चुनाव समिति का संयोजक सिर्फ इसलिए बनाया गया कि आंकड़ों के अनुसार जिले में मौजूद भाजपा नेतृत्व के साथ समन्वय बनायें. वह ऐसा नहीं करके, उनके द्वारा नये सिरे से चुनाव कमेटी तैयार करना, पार्टी के अंदर लोकसभा चुनाव से पहले गुटबाजी को जन्म दे सकता है.
इसका नुकसान साल 2019 के लोकसभा चुनाव में उठाना पड़ सकता है. यह भी आरोप है कि उनके साथ चुनाव में जुटे हुए नेता भी पार्टी को नहीं मानकर, उनके निर्देशों को ही मानने लगे हैं. इससे भाजपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है. क्योंकि ऐसा होने से भाजपा में व्यक्ति पूजा की परंपरा बढ़ जायेगी.
क्या कहना है दिलीप घोष का
इस बारे में पूछने पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि ऐसे बहुत सारे उदाहरण हैं कि दूसरी पार्टियों से भाजपा में आकर लोगों ने सफलतापूर्वक भाजपा की नीतियां अपनायी और मंत्री भी बने. ऐसे भी उदाहरण है कि लोग दूसरी पार्टियों से आये, भाजपा के लिए काम करना चाहते थे, पर हमारी संस्कृति में नहीं ढल पाये. हालांकि, उन्होंने मुकुल राय के नाम का उल्लेख नहीं किया.
लेकिन इशारों में कहा कि चुनाव प्रबंधन के जो भी पदाधिकारी हैं, उन्हें सिर्फ यह निर्देश दिया गया है कि वे पार्टी में मौजूदा पदाधिकारियों के बीच समन्वय बनायें, ताकि चुनाव के दौरान कोई दिक्कत नहीं हो. हालांकि बदले माहौल और स्थिति को देखते हुए इस बारे में फिर पार्टी में बैठक होगी.
मतभेद की खबरों का मुकुल ने किया खंडन
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष से मतभेद की खबरों के बारे में जब मुकुल राय से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उनके और दिलीप घोष के बीच कथित मतभेद की खबरें जानबूझकर फैलायी जा रही हैं. यह पूछे जानेपर कि पहले से भाजपा ने बूथ स्तर पर मतदाताओं और अन्य चुनाव संबंधी आंकड़ें एकत्रित कर लिये हैं, तो फिर उन्हें नये सिरे से एकत्रित करने का क्या औचित्य है? इस पर उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.
हालांकि, उन्होंने कहा कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव प्रबंधन की जिम्मेवारी उनकी है और चुनाव के परिणाम से वह इस बात को साबित कर देंगे कि उन्होंने जी जान से पार्टी की जीत के लिए काम किया है.

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