छठ पूजा पर दो दिनों के अवकाश से बंगाल के हिंदीभाषी हुए गदगद, ममता के फैसले का किया स्वागत
कोलकाता : छठ पूजा पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा अवकाश की घोषणा का राज्य के हिंदी भाषियों ने स्वागत किया है. राष्ट्रीय बिहारी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष मणि सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बिहारी समाज के कार्यक्रम में आश्वासन दिया था कि छठ पूजा के लिए दो दिनों की अवकाश दी जायेगी. मुख्यमंत्री […]
कोलकाता : छठ पूजा पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा अवकाश की घोषणा का राज्य के हिंदी भाषियों ने स्वागत किया है. राष्ट्रीय बिहारी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष मणि सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बिहारी समाज के कार्यक्रम में आश्वासन दिया था कि छठ पूजा के लिए दो दिनों की अवकाश दी जायेगी.
मुख्यमंत्री ने अपना दिया आश्वासन पूरा किया है. इसी तरह से उन लोगों ने दीपावली के दिन व होली के दिन भी अवकाश के लिए ध्यान आकर्षित किया है. उन्होंने इसका आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में बड़ी संख्या में हिंदी भाषी रहते हैं, लेकिन कोई हिंदी विश्वविद्यालय नहीं हैं. उन लोगों ने हिंदी विश्वविद्यालय की मांग रखी है. उम्मीद है कि यह भी मुख्यमंत्री पूरा करेंगी.
पश्चिम बंगाल तृणमूल कांग्रेस हिंदी भाषी प्रकोष्ठ के महासचिव राजेश सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में पहली बार छठ पूजा पर अवकाश की घोषणा की है. यह बहुत ही गर्व की बात है. मुख्यमंत्री ने सदा ही हिंदी भाषियों के हित की बात कही है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही उच्च माध्यमिक व माध्यमिक के प्रश्नपत्रों को हिंदी में दिये जाने का फैसला लिया गया तथा आसनसोल व उत्तर बंगाल में हिंदी के कॉलेज बने हैं.
मुख्यमंत्री हिंदी भाषियों के कल्याण के लिए सदैव ही तत्पर रही हैं. एटक समर्थित कोलकाता टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन के महासचिव नवल किशोर श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री द्वारा दो दिनों की अवकाश की घोषणा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा के लिए उनका अभिनंदन है. बिहार सरकार के बाद पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी की सरकार ने ही छठ में दो दिनों के अवकाश की घोषणा की है.
इसके पहले की सरकारों ने हिंदी भाषियों की मांग पर ध्यान नहीं दिया था. इसके लिए उन्हें बहुत-बहुत धन्यवाद है. मगही मगध नागरिक संघ के अध्यक्ष पारस कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा से बिहार के लोग मुख्यमंत्री के आभारी हैं. उनके निर्णय से हिंदी भाषियों में खुशी की लहर है.