बाजार में दार्जिलिंग के नाम पर बिक रहे नागपुरी संतरे

मालदा : शहर के बाजार में इन दिनों नागपुर के संतरे दार्जिलिंग के नाम पर बिक रहे हैं. इसमें ग्राहक आसानी से ठगे भी जा रहे हैं. ग्राहकों का कहना है कि देखने में नागपुर के संतरों की पहचान करना बेहद मुश्किल है. लेकिन जब उन्हें चखा जाता है तो पता चलता है कि संतरा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 21, 2018 12:39 AM
मालदा : शहर के बाजार में इन दिनों नागपुर के संतरे दार्जिलिंग के नाम पर बिक रहे हैं. इसमें ग्राहक आसानी से ठगे भी जा रहे हैं. ग्राहकों का कहना है कि देखने में नागपुर के संतरों की पहचान करना बेहद मुश्किल है. लेकिन जब उन्हें चखा जाता है तो पता चलता है कि संतरा दार्जिलिंग का नहीं है. आरोप है कि विक्रेताओं का एक वर्ग इस अनैतिक धंधे में संलिप्त हैं.
वहीं, इंगलिशबाजार नियंत्रित बाजार समिति के आढ़तियों का कहना है कि पहाड़ का संतरा आने में अभी देर है. दिसंबर के मध्य में ही दार्जिलिंग के संतरे बाजार में आते हैं. उसके पहले नागपुर और पंजाब के संतरे बाजार में आ गये हैं. इन्हें एक तरह से हाइब्रिड संतरा कहा जा सकता है.
वर्तमान में मालदा शहर में नागपुर के संतरे प्रति किलो 70-80 रुपए की दर से बिक रहे हैं. जाड़े में संतरे समेत फलों की खरीदारी की प्रवृत्ति बढ़ जाती है. ज्यादातर संतरे की बिक्री होती है. शहर के रवींद्र एवेन्यू, राजमहल रोड, रथबाड़ी और फोआरा मोड़ समेत कई अन्य इलाकों में फलों की दुकानें हैं. कई लोग वैन में रखकर संतरे बेचते हैं. कई ग्राहकों ने बताया कि देखने में भले नागपुर के संतरे दार्जिलिंग की तरह लगते हैं लेकिन खाने से ही पता चल जाता है कि यह असली दार्जिलिंग के संतरे नहीं है.
मालदा फल विक्रेता समिति के सदस्य उज्ज्वल दास ने बताया कि इस तरह से ग्राहकों को ठगना कतई उचित नहीं है. दार्जिलिंग के संतरों की मांग काफी होने के बावजूद दार्जिलिंग के संतरे अभी बाजार में नहीं आये हैं. उधर, इंगलिशबाजार नगरपालिका के चेयरमैन नीहार घोष ने बताया कि ग्राहकों को इस तरह से ठगना बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. वे खुद ही फल के बाजार का निरीक्षण कर खोज-खबर लेंगे.

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