विधानसभा : कार्यवाही का बॉयकाट करेगा विपक्ष, घोषणा पर ममता ने जताया दुख

कोलकाता : जंगलमहल में सबर आदिवासियों की मृत्यु पर विपक्ष के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के इतर मुख्यमंत्री के बयान से क्षुब्ध कांग्रेस व वाममोर्चा के विधायकों ने विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया और विधानसभा से बॉयकाट करने की घोषणा की. 22 नवंबर को विपक्षी सदस्यों द्वारा विधानसभा में छद्म विधानसभा लगाया जायेगा, जबकि विरोधी दल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 21, 2018 2:54 AM
कोलकाता : जंगलमहल में सबर आदिवासियों की मृत्यु पर विपक्ष के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के इतर मुख्यमंत्री के बयान से क्षुब्ध कांग्रेस व वाममोर्चा के विधायकों ने विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया और विधानसभा से बॉयकाट करने की घोषणा की.
22 नवंबर को विपक्षी सदस्यों द्वारा विधानसभा में छद्म विधानसभा लगाया जायेगा, जबकि विरोधी दल के विधायक 24 नवंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी तथा पूर्व विपक्ष के नेता पंकज बनर्जी की स्मृति में आयोजित स्मरण सभा में भाग लेंगे. हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विरोधी दल के निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह दुखी और स्तब्ध हैं.
विधानसभा में मंत्रियों की उपस्थिति के बावजूद सदस्यों व विधानसभा की मर्यादा को मानते हुए वह खुद ही प्रश्नों का जवाब यथासंभव देती हैं. विरोधी दल के विधायक न तो खुद अपनी बात रखते हैं और न ही उन लोगों को बोलने देते हैं. वह विरोधी दल से अनुरोध करती हैं कि वह आदिवासियों को अपने काम से बदनाम नहीं करें.
विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने कहा कि जंगलमहल में सबर आदिवासियों की मौत पर कांग्रेस व वाममोर्चा के विधायकों द्वारा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का नोटिस दिया था, लेकिन ध्यानाकर्षण प्रस्ताव को विधानसभा अध्यक्ष ने खारिज कर दिया और मुख्यमंत्री को इस मुद्दे पर वक्तव्य रखने की अनुमति देकर सत्तारूढ़ दल का पक्ष लिया है.
मुख्यमंत्री जब विधानसभा में वक्तव्य रख रही थी, विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया और कार्यवाही से बहिर्गमन कर गये. उन्होंने कहा कि विधानसभा में विपक्षी सदस्यों की बातें नहीं सुनी जाती है. ऐसी स्थिति में कार्यवाही में हिस्सा लेने का कोई मतलब नहीं है. विरोधी दल विधानसभा की कार्यवाही का बॉयकाट करने का निर्णय किया है.
माकपा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती ने आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष सदा ही सत्तारूढ़ दल का पक्ष लेते रहे हैं तथा उन लोगों की मांगों को अवहेलना की जाती रही है. इसके खिलाफ ही उन लोगों ने विधानसभा की कार्यवाही का बॉयकाट करने का निर्णय लिया है.

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