शोभन का इस्तीफा, पत्नी ने कहा : वह अपनी हालत के लिए खुद जिम्मेवार हैं, सीएम का समझाना भी रहा बेकार

कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के नेता शोभन चटर्जी की पत्नी रत्ना चटर्जी ने कहा कि मंत्री शोभन चटर्जी को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कई बार समझाने की कोशिश की, लेकिन वह सुनने को राजी नहीं हुए. लेकिन हर चीज की एक सीमा होती है. अगर कोई उसका उलंघन करेगा, तो उसकी सजा भी तो उसे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 21, 2018 3:06 AM
कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के नेता शोभन चटर्जी की पत्नी रत्ना चटर्जी ने कहा कि मंत्री शोभन चटर्जी को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कई बार समझाने की कोशिश की, लेकिन वह सुनने को राजी नहीं हुए. लेकिन हर चीज की एक सीमा होती है. अगर कोई उसका उलंघन करेगा, तो उसकी सजा भी तो उसे ही भुगतनी पड़ेगी. मुख्यमंत्री ने शोभन चटर्जी को काफी बड़ी जिम्मेवारी दी थी, जिसे पहले वह गंभीरतापूर्वक निभाते रहे. लेकिन इस बीच उनका पतन शुरू हो गया.
उन्होंने कहा कि शोभन चटर्जी को इस पद तक पहुंचने के लिए काफी त्याग करना पड़ा था. वह अपने दोस्त के कारण पतन की राह पर निकले हैं, तो उन्हें इस तरह से गिरना ही था. इसके लिए वह खुद जिम्मेवार हैं. ममता बनर्जी ने उन्हें अपने भाई की तरह कई बार समझाया. सीएम ने यहां तक कहा कि अच्छा ठीक है, तुम रत्ना के पास नहीं जाओगे, तो कम से कम अपना काम तो सही तरीके से करो.
लेकिन गत एक साल से लोग उनके इस पतन को देख रहे हैं. पूरे बंगाल में उनकी हरकत की चर्चा थी. जो आदमी काम का आदमी था. जो सुबह घर से निकल कर लोगों की सेवा किया करता था, वह पिछले एक साल से कोई काम नहीं कर पा रहा था. जिस दोस्त की रक्षा करने का वह दावा कर रहे थे, अब सवाल उठता है कि उनकी रक्षा कौन करेगा.
मुझे तकलीफ हो रही है कि एक आदमी जमीन से उठकर बुलंदी पर पहुंचने के बाद इस तरह जमीन पर आ गिरा. मुझे तकलीफ हो रही है कि वह अपनी बर्बादी के जिम्मेवार खुद हैं. यही वजह है कि जब वह पार्टी और सरकार का काम नहीं करेंगे, तो उन्हें ढाते रहने का कोई मतलब नहीं था. ममता बनर्जी लोगों का भला करने के लिए सत्ता में आयी हैं, वह खुद काम करती हैं और चाहती हैं कि दूसरे लोग भी काम करें.
अपमान बोध होने पर शोभन ने दिया इस्तीफा
मेयर शोभन चटर्जी के नजदीकियों का कहना है कि शोभन चटर्जी ने अपमान बोध के कारण इस्तीफा दिया है. उनके व्यक्तिगत जीवन को लेकर जिस तरह से पार्टी की बैठक में बातें कही गयीं, उसका उन्होंने विरोध किया था. मंगलवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री से मनमुटाव के बाद उन्हें जिस तरह की व्यक्तिगत बातें कही गयीं, उससे उन्हें अपमान बोध हुआ और उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया.
मेयर के करीबियों का कहना है कि वास्तव में उनके व्यक्तिगत संबंधों को केवल बहाना बनाया गया. उन्हें मंत्री पद व मेयर पद से हटाने की साजिश रची गयी थी और उसी साजिश का वह शिकार हुए हैं.
बोले ससुर दुलाल दास : भगवान शोभन को सद्बुद्धि दें
कोलकाता. कोलकाता नगर निगम के मेयर शोभन चटर्जी के श्वसुर व महेशतला नगरपालिका के चेयरमैन और विधायक दुलाल दास ने शोभन चटर्जी के मंत्री पद से इस्तीफा पर कहा कि भगवान, अब भी उन्हें सद्बुद्धि दें. उन्होंने कहा कि इस खबर से ऐसा नहीं है कि उन्हें बहुत खुशी हो रही है, लेकिन दुख भी नहीं हो रहा है. उन्होंने जैसा किया है. इसका फल उन्हें मिला है. श्री दास ने कहा कि जो लोग उनके दोस्त होने का दावा करते हैं, निश्चित रूप से उनके सच्चे दोस्त नहीं हैं.
यदि वे सच्चे दोस्त होते, तो आज उनकी यह स्थिति नहीं होती. वह शिखर से जमीन पर नहीं आ जाते. यह पूछे जाने पर क्या श्री चटर्जी अपने दायित्व का पालन नहीं कर पा रहे थे. श्री दास ने कहा कि पार्टी सुप्रीमो ने फैसला लिया है, तो निश्चित रूप से ही सही फैसला लिया होगा. श्री चटर्जी दक्षिण 24 परगना के पर्यवेक्षक भी थे.
श्री दास ने कहा कि पर्यवेक्षक के रूप में वह काम नहीं कर पा रहे थे. उन्होंने कहा कि शोभन आज जिस ऊंचाई तक पहुंचे थे, उसके पीछे उनकी पुत्री रत्ना का बहुत बड़ा योगदान था. लेकिन शोभन ने उसके व बेटी के साथ जो व्यवहार किया, वह सर्वविदित है. पूरा बंगाल इसके बारे में जानता है. वह इस संबंध में कुछ भी नहीं कहना चाहते हैं.
अब राहत की सांस लेंगे लोग : दिलीप
कोलकाता. शोभन चटर्जी का इस्तीफा देने के मामले पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि अब राज्य के लोग राहत की सांस लेंगे, क्योंकि गत एक साल से उन्हें लेकर तरह-तरह चर्चाएं चल रही थीं. उनका कामकाज भी प्रभावित हो रहा था. दमकल मंत्री होने के बावजूद आगजनी की घटनाओं से निपटने में उनका विभाग बुरी तरह से विफल साबित हो रहा था. कोलकाता नगर निगम के कामकाज पर भी असर पड़ रहा था.

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