कोलकाता का विकास ही मेरी प्राथमिकता: फिरहाद
कोलकाता : राज्य के शहरी विकास मामले के मंत्री फिरहाद हकीम को कोलकाता के नये मेयर बनाये जाने की घोषणा के बाद उन्होंने कहा कि कोलकाता का विकास ही उनकी पहली, दूसरी और तीसरी सभी प्राथमिकताएं हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में 2011 में तृणमूल कांग्रेस की सरकार बनने […]
कोलकाता : राज्य के शहरी विकास मामले के मंत्री फिरहाद हकीम को कोलकाता के नये मेयर बनाये जाने की घोषणा के बाद उन्होंने कहा कि कोलकाता का विकास ही उनकी पहली, दूसरी और तीसरी सभी प्राथमिकताएं हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में 2011 में तृणमूल कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से पश्चिम बंगाल और कोलकाता पूरी तरह से बदल गया है.
कोलकाता का पूरा विकास हुआ है, लेकिन इसके साथ ही कुछ समस्याएं रहेंगी और उन समस्याओं का समाधान करना होगा. उन्होंने कहा कि जादवपुर व टॉलीगंज में पानी की समस्या है. इसके साथ ही बस्ती इलाके में कुछ समस्याएं हैं. इनका समाधान करना होगा.
शोभन से काफी अच्छे संबंध
पूर्व मेयर शोभन चटर्जी के संबंध पूछे जाने पर श्री हकीम ने कहा कि श्री चटर्जी उनके लंबे समय से मित्र हैं और उनके साथ उनके बहुत ही अच्छे संबंध रहे हैं. लेकिन उनकी कुछ पारिवारिक समस्याएं हैं. वह उन पारिवारिक समस्याओं पर टिप्पणी नहीं करेंगे, लेकिन वह चाहते हैं कि ईश्वर शीघ्र ही उनकी पारिवारिक समस्या का समाधान करे और वह फिर से पहले की तरह उनके साथ पार्टी के मीटिंग व जुलूस में भाग लें.
यह पूछे जाने पर उनके पास काफी मंत्रालयों का दायित्व है. क्या इससे उन पर अतिरिक्त दवाब नहीं पड़ेगा. श्री हकीम ने कहा कि मुख्यमंत्री दिन-रात काम करती हैं और उनके काम से उन लोगों को प्रेरणा मिलती है. सुश्री बनर्जी उनकी आदर्श हैं तथा जब उन पर काम का भार नहीं है, तो वह कैसे समझ सकते हैं कि उन पर काम का अधिक दवाब है.
यह पूछे जाने पर कि वह निगम के पहले मुस्लिम मेयर हैं, श्री हकीम ने कहा कि उनकी पार्टी यह नहीं देखती है कि कौन मुस्लिम और कौन हिंदू है, बल्कि काम देखती है और मुख्यमंत्री, पार्टी के नेता, पार्षदों ने उन पर जो विश्वास जताया है, उसके लिए वह कृतज्ञ हैं तथा पूरी क्षमता से उन दायित्वों का पालन करेंगे.
फिरहाद हकीम का राजनीतिक सफर
एक जनवरी, 1959 में जन्म लिए श्री हकीम आरंभ से ही तृणमूल कांग्रेस में रहे हैं तथा पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी के वफादार साथी के रूप में उनकी गणना की जाती रही है. श्री हकीम 2000 में पहली बार तृणमूल कांग्रेस की टिकट पर पार्षद बने. 2005 के निगम चुनाव में फिर निर्वाचित हुए तथा नौ नंबर बोरो के चेयरमैन बनाये गये और निगम में तृणमूल कांग्रेस का बोर्ड बनने पर उन्हें रास्ता मामले के मेयर परिषद का दायित्व भी मिला था.
2011 में तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में अाने के बाद उन्हें शहरी व नगरपालिका विकास का दायित्व दिया गया है तथा 2016 के चुनाव के बाद भी उन्हें इसी विभाग का दायित्व मिला. श्री हकीम पार्टी का एक मजबूत अल्पसंख्यक चेहरा माने जाते हैं तथा वीरभूम जिला का दायित्व उनके पास है. इसके साथ ही कूचबिहार जिला के कार्यभार संभालने में सहयोग देते रहे हैं.
हाल में एनआरसी मुद्दे के बाद उन्हें असम और त्रिपुरा का प्रभार भी दिया गया है तथा तृणमूल कांग्रेस प्रतिनिधियों के असम दौरे के दौरान उन्होंने अहम भूमिका निभायी थी. 2019 में लोकसभा चुनाव तथा 2020 में कोलकाता नगर निगम का चुनाव प्रस्तावित है. इस राजनीतिक परिस्थिति में श्री हकीम का नेतृत्व तृणमूल कांग्रेस को नयी शक्ति प्रदान करेगा.