विधानसभा में पारित हुआ कोलकाता नगर निगम संशोधन विधेयक, बिना पार्षद हुए भी बना जा सकता है मेयर, छह माह के अंदर होना होगा निर्वाचित

कोलकाता : बिना पार्षद निर्वाचित हुए भी कोलकाता नगर निगम का मेयर बनने का रास्ता साफ हो गया है. गुरुवार को विधानसभा में कोलकाता नगर निगम संशोधन विधेयक, 2018 ध्वनिमत से पारित हो गया, हालांकि विधेयक पर हुई बहस में कांग्रेस व वाममोर्चा के विधायकों ने हिस्सा नहीं. कांग्रेस व वाममोर्चा के विधायकों ने विधानसभा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 23, 2018 4:24 AM
कोलकाता : बिना पार्षद निर्वाचित हुए भी कोलकाता नगर निगम का मेयर बनने का रास्ता साफ हो गया है. गुरुवार को विधानसभा में कोलकाता नगर निगम संशोधन विधेयक, 2018 ध्वनिमत से पारित हो गया, हालांकि विधेयक पर हुई बहस में कांग्रेस व वाममोर्चा के विधायकों ने हिस्सा नहीं.
कांग्रेस व वाममोर्चा के विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए सदन की कार्यवाही का बॉयकाट किया तथा विधानसभा परिसर के बाहर छद्म विधानसभा लगाया. जबकि भाजपा के विधायक दिलीप घोष ने बाहर से नये मेयर नियुक्त किये जाने पर सवाल उठाया, लेकिन विधेयक का समर्थन किया.
संशोधन विधेयक पर हुई बहस में हिस्सा लेते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि नये संशोधन विधेयक के अनुसार कोई भी नगरपालिका मामलों के विशेषज्ञ व्यक्ति को को बिना पार्षद रहे भी मेयर नियुक्त किया जा सकता है, लेकिन छह माह की अवधि के अंदर उसे पार्षद निर्वाचित होना होगा. उन्होंने कहा कि लोकसभा व विधानसभा में यह नियम पहले से ही है. सरकार पहले ही कानून में संशोधन करना चाह रही थी और इस उद्देश्य से ही कानून में संशोधन किया गया है.
उन्होंने कहा कि राज्य के सभी नगरपालिकाओं में यह नियम लागू किया जायेगा तथा राज्य सरकार पंचायतों में भी यह नियम लागू करने पर विचार कर रही है. विधेयक को विधानसभा से मंजूरी मिल गयी है और अब इसे राज्यपाल के हस्ताक्षर के लिए भेजा जायेगा. राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद यह नियम कानून बन जाायेगा.
उल्लेखनीय है पहले कानून के अनुसार बिना पार्षद रहे कोई मेयर नहीं बन सकता था, लेकिन अब इस नये नियम के बाद राज्य के शहरी विकास मामलों के मंत्री फिरहाद हकीम के मेयर बनने का रास्ता साफ हो गया है और अब केवल नाम घोषणा की औपचारिकता ही रह गयी है.

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