नलिनी चिदंबरम की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई अाज
नयी दिल्ली/कोलकाता : सारधा चिटफंड घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में नलिनी चिदंबरम को मिली अंतरिम राहत को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा था. कोर्ट ने कहा था कि अगले आदेश तक […]
नयी दिल्ली/कोलकाता : सारधा चिटफंड घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में नलिनी चिदंबरम को मिली अंतरिम राहत को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा था. कोर्ट ने कहा था कि अगले आदेश तक ईडी नलिनी चिदंबरम के खिलाफ कोई कार्रवाई ना करे.
दरअसल, ईडी ने मामले में जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट से और वक्त मांगा था, जिसे मंजूर करते हुए कोर्ट ने मामले की सुनवाई तीन हफ़्ते के लिए टाल दी थी.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने नलिनी चिदंबरम के खिलाफ ईडी की ओर से जारी समन पर रोक लगा दी थी. साथ ही कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. कोर्ट ने ईडी से कहा था कि वो फिलहाल नलिनी चिदंबरम को गिरफ्तार न करें. मद्रास हाईकोर्ट ने ईडी का समन रद्द करने से मना कर दिया था. हाइकोर्ट ने सारधा चिटफंड घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में बतौर गवाह पेशी के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से मिले समन को चुनौती देने वाली नलिनी चिदंबरम की याचिका को खारिज कर दिया था.
उल्लेखनीय है कि नलिनी चिदंबरम ने अपनी याचिका में कहा था कि जांच के लिए महिलाओं को सीआरपीसी की धारा 160 के तहत उसके निवास स्थान से बाहर नहीं बुलाया जा सकता है, लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी यह दलील अस्वीकार कर दी थी. कोर्ट ने कहा था कि ऐसी छूट अनिवार्य नहीं है. ये धारा किसी भी मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर निर्भर करता है, लेकिन इस मामले में ये छूट नहीं दी जा सकती.
हाईकोर्ट ने 145 पन्नों के अपने फैसले में कहा था कि कोर्ट का मानना है कि लिंग के आधार पर नियमित तरीके से छूट नहीं मांगी जा सकती है. अदालत ने पहले लगायी गयी रोक हटाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय के आवेदन पर यह फैसला सुनाया. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को जांच के लिए नई तारीख निर्धारित करते हुए नया समन जारी करने और कानून के अनुसार कार्यवाही करने का निर्देश दिया था. आपको बता दें कि सात सितंबर, 2016 को समन जारी कर वरिष्ठ वकील नलिनी चिदंबरम को सारधा चिटफंड घोटाले के सिलसिले में अपने कोलकाता कार्यालय में पेश होने के लिए कहा था.