हाइकोर्ट ने गैंगरेप की झूठी रिपोर्ट पर जतायी नाराजगी

कोलकाता : सामूहिक दुष्कर्म के झूठे मामले को लेकर कलकत्ता हाइकोर्ट ने सवाल उठाया है. झूठे बयान के लिए याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाने के बाद न्यायाधीश प्रतीक प्रकाश बंद्योपाध्याय ने जुर्माना वापस ले लिया. हालांकि गुरुवार के भीतर इस संबंध में याचिकाकर्ता को हलफनामा देना होगा. मामले की अगली सुनवाई गुरुवार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 27, 2018 2:05 AM
कोलकाता : सामूहिक दुष्कर्म के झूठे मामले को लेकर कलकत्ता हाइकोर्ट ने सवाल उठाया है. झूठे बयान के लिए याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाने के बाद न्यायाधीश प्रतीक प्रकाश बंद्योपाध्याय ने जुर्माना वापस ले लिया. हालांकि गुरुवार के भीतर इस संबंध में याचिकाकर्ता को हलफनामा देना होगा. मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को होगी.
गौरतलब है कि अक्तूबर महीने के आखिर में उत्तर 24 परगना की एक महिला ने सामूहिक दुष्कर्म और मारपीट का आरोप अपने ही परिवारवालों पर लगाया था. घटना के तीन दिन बाद उसकी बड़ी बहन ने थाने में शिकायत दर्ज करायी थी. पुलिस निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए हाइकोर्ट में भी याचिका दायर की गयी. सोमवार को मामले की सुनवाई में राज्य की ओर से जांच रिपोर्ट व मेडिकल रिपोर्ट देकर बताया गया कि रिपोर्ट में मारपीट की बात रहने पर भी सामूहिक दुष्कर्म या दुष्कर्म का प्रमाण नहीं है.
याचिकाकर्ता के झूठे बयान पर न्यायाधीश प्रतीक प्रकाश बंद्योपाध्याय ने नाराजगी प्रकट की. अदालत का कहना था कि मामले में जो आरोप लगाया गया है वह बेहद गंभीर है. लेकिन मेडिकल रिपोर्ट से पता चलता है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ. दुष्कर्मजनित कोई आघात चिकित्सक को नहीं मिला. पुलिस के खिलाफ निष्क्रियता का आरोप लगाना भी बेहद आसान है. अदालत ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ झूठे आरोप लगाने पर कार्रवाई होगी.
  • परिवारवालों पर ही महिला ने सामूहिक दुष्कर्म और मारपीट का आरोप लगा मामला दर्ज कराया है
  • चिकित्सकीय जांच में नहीं हुई दुष्कर्म की पुष्टि
  • कोर्ट ने एक लाख का जुर्माना लगा कर फिर वापस लिया

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