मालदा : इनके डर से पानी में जाने से डरने लगे है मछुवारे

मालदा : समाजविरोधियों की फेहरिश्त में जलदस्यु भी शामिल हो गये हैं. इन दिनों जलदस्यु गिरोह के आये दिन हमलों से डरे-सहमे मछुआरों ने गंगा में मछली पकड़ना बंद कर दिया है. पिछले एक सप्ताह में लगातार तीन दिनों तक हुए हमलों में तीन मछुआरे जख्मी हुए हैं. इनमें से दो का इलाज कालियाचक ग्रामीण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 3, 2018 12:53 AM
मालदा : समाजविरोधियों की फेहरिश्त में जलदस्यु भी शामिल हो गये हैं. इन दिनों जलदस्यु गिरोह के आये दिन हमलों से डरे-सहमे मछुआरों ने गंगा में मछली पकड़ना बंद कर दिया है. पिछले एक सप्ताह में लगातार तीन दिनों तक हुए हमलों में तीन मछुआरे जख्मी हुए हैं. इनमें से दो का इलाज कालियाचक ग्रामीण अस्पताल में चल रहा है.
यह घटना मोथाबाड़ी थाना अंतर्गत पंचनंदपुर इलाके के गंगा घाट में घटी है. मछुआरों का कहना है कि मुख्य रूप से ये जलदस्यु पड़ोसी झारखंड राज्य से आते हैं. घटना के संबंध में मोथाबाड़ी थाने में शिकायत दर्ज करायी गयी है. हालांकि खबर लिखे जाने तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी.
पंचनंदपुर इलाके के मछुआरे शमसुल शेख, एजाबुल शेख और बबलू मंडल ने बताया कि पिछले 10 साल से वे लोग मछली पकड़ने का काम कर रहे हैं. पहले इस तरह की कोई घटना नहीं घटी थी, लेकिन विगत 15 दिनों से गंगा नदी में जलदस्यु गिरोह का अत्याचार शुरू हो गया है. तीन मछुआरों से उन्होंने बेरहमी से मारपीट की है.
उनमें से झंटू चौधरी (42) और सत्यकार हुसैन (48) को कालियाचक ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उल्लेखनीय है कि ये मछुआरे रात के अंधेरे में या तड़के मछली पकड़ते हैं. उस समय जलदस्यु उनसे पांच से 10 हजार रुपये की मांग करते हैं. रुपये नहीं देने पर उनसे गाली-गलौज और मारपीट करते हैं. इसी वजह से उन्होंने मछली पकड़ना बंद कर दिया है. इस संबंध में पुलिस थाने के अलावा स्थानीय पंचायत और विधायक को सूचित किया गया है.
मोथाबाड़ी के तृणमूल विधायक सबीना यास्मीन ने बताया कि यह घटना चिंताजनक है. इस तरह या आपराधिक गतिविधियों को कतई बरदाश्त नहीं किया जायेगा. पुलिस से इन बदमाशों को गिरफ्तार करने के लिए कहा गया है. जिले के एसपी से भी वह बात करेंगी. कालियाचक-2 पंचायत समिति के सभापति पिंकू रहमान ने बताया कि जलदस्यु गिरोह के डर से मछुआरे गंगा में मछली पकड़ने के लिए नहीं जा रहे हैं.
इससे एक तरफ बाजार में मछली की कमी हो जायेगी, वहीं दूसरी ओर मछुआरों की रोजी-रोटी पर असर पड़ेगा. पुलिस से इस मामले में कार्रवाई करने के लिए कहा गया है. उधर, एसपी अरनब घोष ने बताया कि पूरे मामले की छानबीन की जा रही है. थाना पुलिस को जरूरी कदम उठाने के लिए कहा गया है.
मछुआरों का आरोप
जैसे ही मछली पकड़ने के लिए वे नाव समेत बीच गंगा में जाते हैं वैसे ही जलदस्यु उन्हें चारों तरफ से घेर लेते हैं. उसके बाद गिरोह के लोग मछुआरों से रंगदारी की मांग करते हैं. नहीं देने पर हथियार दिखाकर मारपीट की जाती है. उसके बाद वे सब मछुआरों के मोबाइल फोन, मछली पकड़ने वाला जाल, रसोई बनाने वाले बर्तन और अन्य सामग्री लेकर भाग जाते हैं.

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