कोलकाता : बड़े शहरों की तरह वाणिज्यिक कर शुरू करेगा केएमसी !

कोलकाता : मेट्रो सिटी दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और पुणे की तर्ज पर कोलकाता नगर निगम (केएमसी) वाणिज्यिक कर लागू करने की योजना बना रहा है. बड़े शहरों की वाणिज्यिक कर प्रणाली व्यवस्था क्या है, कैसे-कैसे किस-किस क्षेत्रों में वाणिज्यिक कर वसूली जा रही है. कोलकाता नगर निगम इन सारे तथ्यों की जानकारी जुटाने में लगा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 6, 2018 2:38 AM
कोलकाता : मेट्रो सिटी दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और पुणे की तर्ज पर कोलकाता नगर निगम (केएमसी) वाणिज्यिक कर लागू करने की योजना बना रहा है. बड़े शहरों की वाणिज्यिक कर प्रणाली व्यवस्था क्या है, कैसे-कैसे किस-किस क्षेत्रों में वाणिज्यिक कर वसूली जा रही है. कोलकाता नगर निगम इन सारे तथ्यों की जानकारी जुटाने में लगा है. बुधवार को निगम के उपमेयर अतिन घोष ने इसकी जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि कोलकाता नगर निगम अपनी वाणिज्यिक कर व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए कई कदम उठाने पर विचार कर रहा है.इनमें प्रमुख रूप से वाणिज्यिक करों को किस आधार पर बड़े शहरों में वसूले जा रहे हैं. उसके बारे में सारे तथ्य जुटाये जायेंगे.
कोलकाता नगर निगम इसके लिए अपनी विशेष टीम के जरिये ही सारे तथ्यों की जानकारी उनकी आॅनलाइन वेबसाइटों से लेगा. उन्होंने बताया कि वाणिज्यिक करों के मामले में बड़े मेट्रो शहरों में क्या पूरे टैक्स एक साथ लिये जाते हैं अथवा वाटर टैक्स अलग से लिये जा रहे हैं.
इस पर भी गौर किया जायेगा. वहां वाणिज्यिक करों के मामले में क्या व्यवस्था अपनायी जा रही है. इन सारे तथ्यों को देखा जायेगा. फिर वहां के वाणिज्यिक कर सिस्टम को यहां से मिला कर देखा जायेगा. यह देखा जायेगा कि उनके कुछ प्रोसेस व सिस्टम को लागू करने से अधिक लाभ होता है या नहीं. ऐसा बेहतर पाया जाता है, तो उसी आधार पर यहां भी कर व्यवस्था मजबूती के लिए वाणिज्यिक कर सिस्टम को लागू किया जायेगा.
डायरिया : पानी के नमूने में नहीं मिली खामियां
उन्होंने बताया कि महानगर में डायरिया जैसे रोगों को लेकर हाल ही में कई जगहों से सप्लाई होनेवाले पानी के सैंपल भी लिये गये थे, लेकिन जांच में किसी तरह की कोई खामी नहीं मिली है.
हरियाली पर अधिक जोर
उन्होंने बताया कि महानगर में हरियाली पर अधिक जोर दिया जायेगा. इसके लिए निगम का हर्टिकलचर विभाग काम करेगा. लोगों को भी अधिक से अधिक जागरूक किया जायेगा. नवनिर्मित मकानों में भी अधिक से अधिक हरियाली का ध्यान रखने को कहा जायेगा.

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