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कोलकाता : बेनामी बिल्डिंग कब्जे में लेगा नगर निगम, निगम को हो रहा है राजस्व का नुकसान

कोलकाता : महानगर में कुछ ऐसी भी इमारतें हैं, जो पूरी तरह से जर्जर हो गयी हैं, जिनके मालिकों का अता-पता कोलकाता नगर निगम के पास भी नहीं है और ऊपर से वर्षों से संपत्ति कर भी बकाया है. वैसी इमारतों को निगम अपने कब्जे में लेगा. इसके लिए निगम विशेषज्ञों की सलाह ले रहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 14, 2018 1:51 AM
कोलकाता : महानगर में कुछ ऐसी भी इमारतें हैं, जो पूरी तरह से जर्जर हो गयी हैं, जिनके मालिकों का अता-पता कोलकाता नगर निगम के पास भी नहीं है और ऊपर से वर्षों से संपत्ति कर भी बकाया है. वैसी इमारतों को निगम अपने कब्जे में लेगा. इसके लिए निगम विशेषज्ञों की सलाह ले रहा है.
कोलकाता के डिप्टी मेयर अतिन घोष के अनुसार, करीब 4,700 करोड़ रुपये का संपत्ति कर बकाया है, जिसके कारण निगम को वर्षों से नुकसान सहना पड़ रहा है.
श्री घोष ने कहा कि महानगर में कई ऐसी जर्जर इमारतें हैं, जिसके मालिकों का पता ठिकाना निगम के पास नहीं है. वर्षों से कर बकाया रखनेवाले मकान मालिकों को निगम की ओर से नोटिस भी भेजा जा रहा है. लेकिन अब तक एक भी मकान मालिक निगम में संबंधित अधिकारियों से मुलकात नहीं की है. जानकारी के अनुसार, कई ऐसी इमारतें है, जहां मकान मालिक की अनुपस्थिति में किरायेदार कब्जा जमा हुए हैं, जबकि कई मकान व इमारतें लंबे समय से बंद हैं.
महानगर में ऐसी इमारतों की संख्या सबसे अधिक बोरो 1, 3, 5, 8 तथा 9 में है. उत्तर व दक्षिण कोलकाता में हुगली नदी के किनारे कई ऐसी बिल्डिं‍गें हैं, जो लंबे समय से बंद हैं. इससे इन इमारतों की दशा भी जर्जर हो गयी है. हुगली नदी के किनारे स्थित इन इमारतों के अधिकतर मालिकों का पता निगम के पास नहीं है. क्योंकि इन बिल्डिंगों के मालिकों ने दूसरे किसी व्यक्ति या जमीनदार को सुपुर्द कर देश छोड़ चुके हैं या किसी दूसरे राज्य में रह रहे हैं.
ऐसी अधिकतर इमारतों पर अब स्थानीय लोगों का कब्जा है, जो निगम को कर भी भुगतान नहीं करते. डिप्टी मेयर ने कहा कि करदाताओं की सहूलियत के लिए राज्य सरकार ने वेवर स्कीम चालू किया है. इस कर प्रणाली के तहत करदाताओं को ब्याज और जुर्माना से राहत मिल सकती है. लेकिन इसके बाद भी कर बकाया रखने वाले रुचि नहीं दिखा रहे हैं.
स्थानीय पार्षद जुड़ेंगे अभियान से
अतिन घोष ने कहा कि बकाया कर के भुगतना के लिए अब अभियान चलाया जायेगा. घर-घर जाकर बकाये राशि की मांग की जायेगी. इस अभियान से स्थानीय पार्षदों को भी जोड़ा जायेगा. कहा कि उक्त अभियान के चालू करने के लिए एक सूची तैयार की जा रही है, जिसके बाद अससेमेंट विभाग के अधिकारियों के साथ मिल कर इस अभियान क‍ो चलाया जायेगा.

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