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‘रथयात्रा’ पर रार बरकरार, भाजपा के कार्यक्रम को अनुमति देने के साथ अदालत की शर्तें भी

कोलकाता : कलकत्ता हाइकोर्ट ने गुरुवार को भाजपा की ‘रथयात्रा’ की अनुमित दे दी. राज्य सरकार ने सांप्रदायिक अशांति की आशंका के आधार पर ‘रथयात्रा’ को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था. न्यायमूर्ति तपोब्रत चक्रवर्ती ने प्रदेश भाजपा को जिले में रैली के प्रवेश करने के तय समय से कम से कम 12 घंटे […]

कोलकाता : कलकत्ता हाइकोर्ट ने गुरुवार को भाजपा की ‘रथयात्रा’ की अनुमित दे दी. राज्य सरकार ने सांप्रदायिक अशांति की आशंका के आधार पर ‘रथयात्रा’ को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था. न्यायमूर्ति तपोब्रत चक्रवर्ती ने प्रदेश भाजपा को जिले में रैली के प्रवेश करने के तय समय से कम से कम 12 घंटे पहले जिला पुलिस अधीक्षक को इसकी सूचना देने का निर्देश दिया.
न्यायालय ने भाजपा को यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि यात्राएं कानून का पालन करते हुए निकाली जाएं. सामान्य यातायात बाधित नहीं होना चाहिए. न्यायमूर्ति चक्रवर्ती ने कहा कि संपत्ति के किसी भी नुकसान या क्षति के लिए याचिकाकर्ता भाजपा परोक्ष रूप से जिम्मेदार होगी. अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि पुलिस यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त बल तैनात करेगी कि कानून व्यवस्था का कोई उल्लंघन न हो. भाजपा ने राज्य के विभिन्न हिस्सों से तीन ‘रथयात्राएं’ निकालने की योजना बनायी थी.
इन रथों को करीब डेढ़ महीने में राज्य के 42 संसदीय क्षेत्रों से गुजरना था.भाजपा अपने इस कार्यक्रम के लिए राज्य सरकार से मंजूरी नहीं मिलने पर उच्च न्यायालय पहुंची थी. उधर, राज्य सचिवालय सूत्रों के अनुसार, हाइकोर्ट की एकल पीठ के इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार शुक्रवार को खंडपीठ में याचिका दायर करेगी.
कोलकाता : भाजपा की ‘रथयात्रा’ 28 दिसंबर से
कोलकाता : न्यायालय से हरी झंडी मिल जाने के बाद भाजपा ने अपनी प्रस्तावित ‘रथयात्रा’ (पार्टी इसे गणतंत्र बचाओ यात्रा भी कहती है) की तैयारी शुरू कर दी है.पार्टी के राज्य प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने गुरुवार को बताया कि गणतंत्र बचाओ यात्रा (रथयात्रा) सबसे पहले 28 दिसंबर को कूचबिहार से शुरू होगी.
दूसरी यात्रा 29 दिसंबर को बीरभूम के तारापीठ से एवं तीसरी यात्रा दक्षिण 24 परगना के गंगासागर से 31 दिसंबर को प्रारंभ होगी. श्री विजयवर्गीय ने बताया कि कार्यक्रम का ब्योरा पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को भेज दिया गया है.
उन्हें अदालत के निर्णय की प्रति भी दे दी गयी है. शुक्रवार को राज्य प्रशासन को यात्रा की तिथियों में परिवर्तन से अवगत कराया जायेगा. गौरतलब है कि शुक्रवार को राज्य सरकार कलकत्ता हाइकोर्ट की खंडपीठ में रथयात्रा पर स्थगन आदेश लेने के लिए अपील कर सकती है.
अगर यह फैसला एनडीए या भाजपा सरकार ने विपक्षी कार्यक्रम पर लिया होता तो इसे अघोषित आपातकाल करार दिया जाता. अब लोग चुप क्यों हैं. इस प्रकरण पर मानवाधिकार संगठन चुप क्यों हैं.
अरुण जेटली, वित्त मंत्री
हम अदालत के आदेश के लिए उसका आभार जताते हैं. यह ऐतिहासिक फैसला है. गणतंत्र बचाओ यात्रा जल्द ही शुरू होगी और कार्यक्रम के अनुसार आयोजित की जायेगी. हमने पहले ही नयी तारीखें सौंप दी हैं.
दिलीप घोष, अध्यक्ष, पश्चिम बंगाल कमेटी

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