कोलकाता : कमजोर आदिवासी समूह के विकास पर 13 करोड़ खर्च करेगी सरकार

कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूह के विकास के लिए नयी योजनाएं तैयार की हैं, जिसके तहत झाड़ग्राम के सभर (लोधा), पुरूलिया के बीरहोर व अलीपुरद्वार के टोटो श्रेणी के अादिवासियों का विकास किया जायेगा. राज्य सचिवालय नवान्न भवन की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, इन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 22, 2018 8:02 AM
कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूह के विकास के लिए नयी योजनाएं तैयार की हैं, जिसके तहत झाड़ग्राम के सभर (लोधा), पुरूलिया के बीरहोर व अलीपुरद्वार के टोटो श्रेणी के अादिवासियों का विकास किया जायेगा.
राज्य सचिवालय नवान्न भवन की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, इन तीन विशेष श्रेणी के लोगों के लिए राज्य सरकार द्वारा विशेष योजना तैयार की गयी है और इस योजना पर आदिवासी विकास विभाग द्वारा 12.90 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे.
बताया गया है कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, सभर श्रेणी के आदिवासियों की संख्या लगभग 40 हजार है, जिनमें 18 हजार सभर झाड़ग्राम जिले में रहते हैं. इसी प्रकार, पुरूलिया के अयोध्या हिल पर बीरहोर श्रेणी के 365 व अलीपुरद्वार के मदारीहाट-बीरपाड़ा ब्लॉक में टोटो श्रेणी के 1500 आदिवासी जीवन-यापन करते हैं.
इन आदिवासियों के सामाजिक व आर्थिक विकास के लिए राज्य सरकार ने विभिन्न चरणों में विशेष विकासशील योजनाओं को क्रियान्वित करने का फैसला किया है.
बांग्ला आवास योजना के तहत मिलेगा नया घर
सचिवालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, जिन लाेगों के पास पक्के मकान नहीं हैं, उनको बांग्ला आवास योजना के तहत घर बना कर दिया जायेगा. साथ ही जिनके घर क्षतिग्रस्त हो गये हैं, उनके घरों का भी मरम्मत करायी जायेगी. साथ ही इनके पीने के लिए स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था और खेती के लिए सिंचाई की व्यवस्था भी की जायेगी.
वहीं, इनके आर्थिक विकास के लिए सेल्फ हेल्प ग्रुप (एसएचजी) के माध्यम से गाय या बकरी पालन, पोल्ट्री फॉर्म, हॉर्टिकल्चर, फ्लोरीकल्चर, ऑकार्ड, किचेन गार्डेन से संबंधित प्रशिक्षण देकर इन्हें स्वनिर्भर बनाया जायेगा. इसके साथ-साथ पारंपरिक हैंडीक्राफ्ट उत्पादों के बारे में भी इन्हें काैशल प्रशिक्षण व डिजाइन डेवलपमेंट के बारे में जानकारी दी जायेगी. सिर्फ यही नहीं, राज्य सरकार द्वारा आदिवासियों के लिए आर्टिसन कलस्टर का विकास कर इन्हें न्यूनतम ब्याज दर व सब्सिडी स्कीम के तहत लोन दिया जायेगा, ताकि वह उद्यमी भी बन सकें.

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