गंगासागर : ममता पहुंचीं गंगासागर, कपिलमुनि मंदिर में की पूजा, मंदिर के विकास को लेकर महंत ज्ञानदास के साथ की बैठक
गंगासागर : गंगासागर मेले की तैयारियों का जायजा लेने बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गंगासागर पहुंचीं. उन्होंने शाम में कपिलमुनि मंदिर में पूजा अर्चना की और मंदिर के विकास को लेकर महंत ज्ञानदास के साथ बैठक की. सुश्री बनर्जी ने कहा कि गंगासागर के बारे में कहा जाता है कि सारे तीर्थ बार-बार, गंगासागर एक […]
गंगासागर : गंगासागर मेले की तैयारियों का जायजा लेने बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गंगासागर पहुंचीं. उन्होंने शाम में कपिलमुनि मंदिर में पूजा अर्चना की और मंदिर के विकास को लेकर महंत ज्ञानदास के साथ बैठक की. सुश्री बनर्जी ने कहा कि गंगासागर के बारे में कहा जाता है कि सारे तीर्थ बार-बार, गंगासागर एक बार.
कुंभ सहित सभी तीर्थ स्थल पर बस और रेल मार्ग से जाया जा सकता है, लेकिन केवल गंगासागर ही जलमार्ग से जाया जा सकता है. राज्य सरकार ने मूड़ी गंगा नदी से बिजली के तार ले गयी है और गंगासागर का हर तरह से विकास किया जा रहा है. यह ऐसा सिर्फ इसलिए कहा जाता था, क्योंकि यहां पहुंचने के लिए परिवहन व्यवस्था दुरुस्त नहीं थी, लेकिन स्थिति अब बदल चुकी है. बंगाल में सत्ता परिवर्तन के बाद गंगासागर में भी बदलाव देखने को मिला है. सागरद्वीप में अब आसानी से पहुंचा जा सकता है. अब गंगासागर तीरथ यात्रा भी एक बार नहीं बल्कि बार- बार किया जा सकता है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगासागर आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए पांच लाख रुपये के बीमे की सुविधा दी जा रही है. यह सुविधा सात जनवरी से 17 जनवरी तक मिलेगी.
कपिलमुनि आश्रम के महंत ज्ञानदास के शिष्य संजय दास ने बताया कि इस वर्ष भले ही प्रयागराज में कुंभ हो, लेकिन उसका असर गंगासागर मेले पर नहीं पड़ेगा. पिछले वर्ष गंगासागर में 22 लाख तीर्थयात्री पुण्य स्नान के लिए पहुंचे थे. इस वर्ष 25 लाख तीर्थयात्रियों के पहुंचने की संभावना है. अभी से ही गंगासागर आने वाले तीर्थयात्रियों का तांता लगना शुरू हो गया है. अभी ही 80 हजार से एक लाख तीर्थयात्री प्रत्येक दिन गंगासागर आ रहे हैं.
तीर्थयात्रियों के स्वागत के लिए तैयार है गंगासागर
सागरद्वीप में तीर्थयात्रियों का तांता लगना शुरू हो चुका है और गंगासागर भी उनके स्वागत के लिए तैयार है. गंगासागर मेला की तैयारियों के संबंध में कपिलमुनि मंदिर के महंत ज्ञान दास महाराज ने कहा कि पहले गंगासागर मेला में आने के लिए काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है.
पिछले कुछ वर्षों में यहां आधारभूत सुविधाओं का समुचित विकास हुआ है. परिवहन व्यवस्था के साथ-साथ मंदिर परिसर में भी तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए राज्य सरकार ने काफी बेहतर इंतजाम किये हैं.
कोलकाता : गंगासागर मेले के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम
कोलकाता : गंगासागर मेले के लिए सुरक्षा इंतजाम के तहत राज्य सरकार ने घाटों पर बांसों के बैरीकेड के स्थान पर लोहे की रेलिंग लगाने की पहल की है. यहीं पर श्रद्धालु दक्षिण 24 परगना जिले के सागरद्वीप जाने के लिए नौकों पर सवार होते हैं. हर साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर हजारों श्रद्धालु गंगा और बंगाल की खाड़ी के संगम पर डुबकी लगाने तथा कपिल मुनि के मंदिर में प्रार्थना करने के लिए सागर द्वीप पर एकत्रित होते हैं.
जिलाधिकारी वाई रत्नाकर राव ने बुधवार को कहा कि धातु का बैरीकेड लगाने का काम पहले से ही शुरू हो गया है. 24 किलोमीटर के क्षेत्र में यह बैरीकेड लग सकता है.
श्री राव ने कहा
तीर्थयात्रियों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए काकद्वीप, नामखाना, काचुबेरिया, चेमागुड़ी और बेनुबन क्षेत्रों तथा कपिल मुनि मंदिर में भी लोहे के रेलिंग बनाये जा रहे हैं. तीर्थयात्रियों की आवाजाही को नियंत्रण में रखने के लिए बेनुबन में एक दूसरा घाट भी तैयार किया जा रहा है.
जिलाधिकारी ने कहा कि प्रशासन निर्माण कार्य पर नजर रख रहा है. इसके 31 दिसंबर तक पूरा हो जाने की उम्मीद है. यात्रियों की संख्या इन सालों में कई गुणा बढ़ गयी है. उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखकर विशाल नियंत्रण कक्ष को नया रूप दिया जा रहा है तथा उसमें अतिरिक्त सीसीटीवी एवं एलइडी स्क्रीन लगाये गये हैं.
तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए बने दो और जेटी
कोलकाता. गंगासागर तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए राज्य सरकार ने अपने दम पर मुड़ी गंगा में ड्रेजिंग कराने का काम शुरू किया है. हालांकि ड्रेजिंग का कार्य मुख्य रूप से केंद्र सरकार की आरे से किया जाता है.
लेकिन बार-बार आवेदन करने के बावजूद कोई उत्तर नहीं मिलने पर राज्य सरकार ने अपने स्तर पर ही ड्रेजिंग शुरू किया है. राज्य सरकार ने लॉट नंबर आठ पर एक नंबर जेटी का पुनर्विकास करते हुए इस बार इस जेटी का भी प्रयोग करने का फैसला लिया है.
ड्रेजिंग की समस्या के कारण एक नंबर जेटी पिछले चार-पांच साल से बंद पड़ी थी, इसके साथ ही राज्य सरकार ने मुड़ी गंगा में वेणुवन में एक नया जेटी तैयार किया है. जिस पर 18 लाख रुपये खर्च किये गये हैं.
इस नये जेटी से ट्रेन के माध्यम से आनेवाले तीर्थयात्रियों को काफी सुविधा होगी. वे नामखाना से वेणुवन के लिए आसानी से पहुंच सकते हैं. इस संबंध में गंगा सागर बक्खाली उन्नयन पर्षद के चेयरमैन बंकिम चंद्र हाजरा ने बताया कि मुड़ीगंगा पर ड्रेजिंग का काम तेजी से चल रहा है.
सात जनवरी के बाद से 12 जेटियों के माध्यम से पुण्यार्थियों को मुड़ीगंगा पार कराया जायेगा. उन्होंने कहा कि लगातार ड्रेजिंग से मुड़ी गंगा का जलस्तर 1.45 मीटर हो गया है. अगले कुछ दिनों में ड्रेजिंग जारी रहेगी, जिससे यह बढ़कर 2.5 मीटर हाे जायेगा. इससे यहां नाैकाओं के आवागमन में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी.