नयी दिल्ली/कोलकाता : सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भेल ने सोमवार को कहा कि उसे पश्चिम बंगाल में एक सुपरक्रिटिकल तापीय ऊर्जा संयंत्र बनाने के लिए 3,500 करोड़ रुपये का ठेका मिला है. कंपनी ने एक बयान में कहा कि यह ठेका उसे पश्चिम बंगाल विद्युत विकास निगम से मिला है. इसके तहत पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के मणिग्राम गांव में 660 मेगावाट क्षमता की सागरदीघी तापीय विद्युत परियोजना का निर्माण होना है.
भेल ने कहा कि इसके तहत उसे डिजाइन, आभियांत्रिकी, विनिर्माण, आपूर्ति, परीक्षण और कमिशनिंग का काम करना है. इसके अलावा सुपरक्रिटिकल बॉयलर और टरबाइन जेनरेटर के साथ-साथ कोल हैंडलिंग प्लांट और राख हैंडलिंग प्लांट का भी काम करना है. भेल ने बयान में कहा कि परियोजना से ईंधन की खपत कम करने में मदद मिलेगी.
यह परियोजना पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा अधिसूचित संशोधित उत्सर्जन मानदंडों को पूरा करने के उद्देश्य से उत्सर्जन को सीमित करेगी. भेल अब तक पश्चिम बंगाल विद्युत विकास निगम के कोयला आधारित पावर प्लांट में 80 प्रतिशत योगदान कर चुकी है.
इस परियोजना के प्रमुख उपकरण भेल के त्रिची, हरिद्वार, भोपाल, रानीपेट, हैदराबाद, झांसी, थिरुमयम और बेंगलुरु संयंत्र में तैयार किये जायेंगे. कंपनी की ईस्टर्न रीजन डिवीजन साइट पर विनिर्माण और इंस्टॉलेशन गतिविधियों की जिम्मेदारी संभालेगी. ऊर्जा उत्पादन उपकरणों के लिए भेल एक अग्रणी कंपनी है और इसने पूरी दुनिया में कुल 1,83,000 मेगावाट क्षमता के पावर प्लांट की स्थापना की है.660 मेगावाट क्षमता की सागरदीघी तापीय विद्युत परियोजना का निर्माण होना है