कोलकाता : सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए लगेगा डिजिटल राशन कार्ड
कोलकाता : राज्य सरकार ने उसके तहत चलने वाले अस्पतालों में चिकित्सा के लिए डिजिटल राशन कार्ड अनिवार्य कर दिया है. गुरुवार को राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से इससे संबंधित अधिसूचना जारी की गयी. टिकट काउंटर पर लग जाती है लंबी लाइन : इसमें बताया गया है कि सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए […]
कोलकाता : राज्य सरकार ने उसके तहत चलने वाले अस्पतालों में चिकित्सा के लिए डिजिटल राशन कार्ड अनिवार्य कर दिया है. गुरुवार को राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से इससे संबंधित अधिसूचना जारी की गयी.
टिकट काउंटर पर लग जाती है लंबी लाइन :
इसमें बताया गया है कि सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए पहले रोगियों को दो रुपये का टिकट कटाना पड़ता था, जिसमें उनका नाम, पता और अन्य जानकारी लिखी जाती थी.
इसके लिए टिकट काउंटर के बाहर लंबी लाइन लग जाती थी. कथित तौर पर इस समय को बचाने के लिए ही राशन कार्ड का इस्तेमाल अनिवार्य किया गया है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से बताया गया है कि डिजिटल राशन कार्ड के क्यूआर कोड को स्कैन करने के साथ ही रोगियों का सारा परिचय कंप्यूटर स्क्रीन पर उभर कर सामने आ जायेगा. इससे अब टिकट कटाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और समय की बचत होगी.
अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि 15 जनवरी से इसे लागू कर दिया जायेगा. इसके अलावा पहले रोगियों के इलाज के लिए प्राथमिक तौर पर आवश्यक दवाइयों को परिजनों को ही खरीद कर देना पड़ता था लेकिन अब दवा से लेकर हर तरह की जांच मुफ्त में की जायेगी और सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए एक रुपया भी खर्च नहीं करना होगा.
क्या कहते हैं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी :
इस बारे में राज्य स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नयी व्यवस्था शुरू होने के बाद रोगियों को टिकट कटाने के लिए घंटों लाइन में नहीं लगना पड़ेगा. भागदौड़ कम होगी और परेशानी घटेगी. उन्होंने यह भी बताया कि जिनको अभी तक डिजिटल राशन कार्ड या दूसरा राशन कार्ड नहीं मिला है, उनका मोबाइल नंबर नोट किया जायेगा.
मोबाइल नंबर को ही यूनिक नंबर के रूप में इस्तेमाल किया जायेगा. सभी सरकारी अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि अस्पतालों में इससे संबंधित नोटिस चिपकाए जायें, जिसमें इस बात का उल्लेख हो कि परिजनों का इलाज कराने के लिए आने वाले लोग अपने साथ राशन कार्ड लेकर जरूर आएं. मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ ममता बनर्जी राज्य की स्वास्थ्य मंत्री भी हैं. साल 2011 में सत्ता पर आरूढ़ होने के बाद वह लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार करती रही हैं.