नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में रथ यात्रा निकालने की अनुमति की मांग करने वाली भाजपा की याचिका पर राज्य सरकार से मंगलवार को जवाब मांगा. भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई ने कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ के फैसले को चुनौती दी थी जिसमें रथयात्रा की अनमुति देने से इनकार कर दिया गया था.
शीर्ष अदालत की न्यायमूर्ति एस के कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने भाजपा प्रदेश इकाई से उसकी “लोकतंत्र बचाओ” रैली के लिए एक संशोधित योजना भी जमा करने को कहा जिस पर राज्य सरकार विचार कर सके. पीठ ने मामले में अगली सुनवाई 15 जनवरी को तय की है.
गौरतलब है कि हाल ही में कलकत्ता हाइकोर्ट ने भाजपा को लोकतंत्र बचाओ यात्रा (रथ यात्रा) को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था. भाजपा ने राज्य में रथयात्रा की अनुमति नहीं देने के कोलकाता हाइकोर्ट के इस फैसले को बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसपर तीन व चार जनवरी को सुनवाई होने की बात है.
भाजपा की तीन चरणों में प्रस्तावित रथ यात्रा प्रदेश के सभी 42 लोकसभा क्षेत्रों से गुजरेगी. इसे लोकतंत्र बचाओ यात्रा का भी नाम दिया गया है. वहीं, पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हम पश्चिम बंगाल में पीएम की रैली आयोजित कराने की योजना पर काम कर रहे हैं.
बंगाल को हम प्राथमिकता दे रहे हैं. फिलहाल प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार, जनवरी और फरवरी में पश्चिम बंगाल के अलग-अलग हिस्सों में प्रधानमंत्री की रैलियां आयोजित करने की दिशा में काम किया जा रहा है. कैलाश विजयवर्गीय ने यह भी कहा कि प्रस्तावित लोकतंत्र बचाओ यात्रा को लेकर कानूनी लड़ाई चल रही है और इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में पूरी मजबूती से पार्टी का पक्ष रखा जायेगा.
बताया जा रहा है कि पीएम की प्रस्तावित रैलियों से पहले पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने रविवार को पश्चिम बंगाल के पार्टी पदाधिकारियों से मुलाकात की. महासचिव भूपेंद्र यादव के साथ हुई इस मुलाकात के दौरान पश्चिम बंगाल के भाजपा नेताओं ने संगठन से जुड़े कई मुद्दों और विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा की है.