Strike : केंद्रीय मजदूर यूनियनों की बंद के दौरान बंगाल में हिंसा, दीनहाटा में बस में तोड़फोड़
कोलकाता : केंद्रीय मजदूर यूनियनों के दो दिवसीय हड़ताल के दौरान बुधवार को पश्चिम बंगाल में विरोध प्रदर्शन कई जगहों पर हिंसक हो गया. हड़ताली कर्मचारियों ने हाव़ड़ा जिला में स्कूली बसों में तोड़फोड़ की, तो कूचबिहार जिला के दीनहाटा में एक सरकारी बस में तोड़फोड़ कर दी. इसमें सरकारी बस के चालक समेत दो […]
कोलकाता : केंद्रीय मजदूर यूनियनों के दो दिवसीय हड़ताल के दौरान बुधवार को पश्चिम बंगाल में विरोध प्रदर्शन कई जगहों पर हिंसक हो गया. हड़ताली कर्मचारियों ने हाव़ड़ा जिला में स्कूली बसों में तोड़फोड़ की, तो कूचबिहार जिला के दीनहाटा में एक सरकारी बस में तोड़फोड़ कर दी. इसमें सरकारी बस के चालक समेत दो लोग घायल हो गये हैं. बस को भी नुकसान पहुंची है. सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गयी है.
#WestBengal: Protesters during 48-hour Central Trade Unions strike vandalised a government bus in Dinhata, Cooch Behar; 2 people including bus driver injured, police present at the spot pic.twitter.com/1lmOpwgQGO
— ANI (@ANI) January 9, 2019
ज्ञात हो कि देश के 10 केंद्रीय मजदूर यूनियनों की दो दिवसीय हड़ताल मंगलवार को शुरू हुई. केंद्र सरकार की कथित ‘जनविरोधी’ नीतियों के खिलाफ केंद्रीय मजदूर संघों द्वारा आहूत दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल के दूसरे दिन बुधवार को पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में हिंसा की छिटपुट घटनाएं हुईं.
पुलिस ने बताया कि हावड़ा जिले में स्कूल बसों पर पथराव किया गया. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बाद में पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और प्रदर्शनकारियों को वहां से खदेड़ दिया. अधिकारियों ने बताया कि दक्षिणी कोलकाता के जादवपुर में एक बस स्टैंड पर रैली निकालने के लिए बुधवार को एक बार फिर वरिष्ठ माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती को पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
मंगलवार को भी हड़ताल के समर्थन में रैली निकालने के लिए चक्रवर्ती को पुलिस ने हिरासत में लिया था और फिर शाम को रिहा कर दिया था. कूचबिहार जिला में हड़ताल समर्थकों ने ऑटो पर पथराव किया, जिसके परिणामस्वरूप चालकों ने अपनी सेवाएं बंद कर दी.
वरिष्ठ माकपा और वामपंथी नेताओं ने हड़ताल के समर्थन में राज्य के विभिन्न हिस्सों में जुलूस निकाले. दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का पहला दिन पश्चिम बंगाल में ज्यादा प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहा. राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार द्वारा किये गये विस्तृत सुरक्षा प्रबंधों ने राज्य में सामान्य जीवन को बाधित करने के हड़तालियों के प्रयास को नाकाम कर दिया था.
सरकारी कार्यालय, आईटी क्षेत्र और बंदरगाह की गतिविधियां सामान्य रहीं, जबकि बैंक की कुछ शाखाओं और एटीएम के बंद होने के कारण बैंकिंग क्षेत्र में हड़ताल का आंशिक प्रभाव देखने को मिला. चाय बागानों में काम करने वाले भी सामान्य दिनों की तरह काम करते दिखे.